उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में विकास कार्य काफी तेजी से चल रहे हैं। एक तरफ जहां नोएडा में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तैयार हो रहा है तो दूसरी तरफ योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने पर भी जोर दे रही है।
इसी का परिणाम में है कि प्रदेश में 30 और स्ास्थ्य केंद्रों को NQAS प्रमाण पत्र मिला है। इसके अलावा प्रदेश में उद्यमियों की मदद के लिए योगी सरकार ने 7 जिलों में कच्चा माल बैंक तैयार करने का फैसला लिया है।
ग्रेटर नोएडा के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विकास कार्य काफी तेजी से चल रहा है। अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट से पहली उड़ान शुरू होने वाली है। समय पर सब कुछ तैयार हो जाए, इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। पूरा होने पर यह एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जेवर एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लक्ष्य पूरी तरह से डिजिटल सुविधा वाला एयरपोर्ट बनना है। इसमें इनडोर नेविगेशन, यात्री प्रबंधन, स्मार्टफोन चेक-इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकपॉइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग के लिए उन्नत तकनीक शामिल की जाएगी। यहां 3.9 किलोमीटर लंबा रनवे बन रहा है।
टर्मिनल बिल्डिंग का ढांचा भी तैयार है, जिसमें दस गेट हैं। इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर का निर्माण भी पूरा होने वाला है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अप्रैल 2025 में कॉमर्शियल उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
हवाई अड्डे के विकास को चार चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहला चरण लगभग 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है। इस चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल का निर्माण शामिल है जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। पहला चरण दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
एक बार चालू होने के बाद, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे का खिताब अपने नाम कर लेगा। टर्मिनल और अन्य आवश्यक बुनियादी ढाँचे का काम लगभग पूरा होने वाला है, रनवे पर लाइटिंग का काम लगभग 80% पूरा हो चुका है। दिसंबर 2024 में ट्रायल उड़ानें शुरू होने वाली हैं।
प्रदेश के 30 स्वास्थ्य केंद्रों को मिला NQAS सर्टिफिकेट
एक तरफ जहां नोएडा में भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यहां तीस और स्वास्थ्य केंद्रों ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। रामपुर जिला महिला अस्पताल ने तीनों प्रमाणपत्र प्राप्त किए हैं। इस उपलब्धि के साथ राज्य में NQAS-प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की कुल संख्या 307 हो गई है।
एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. निशांत जयसवाल के अनुसार, नई प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों में रामपुर जिला महिला अस्पताल, शाहजहाँपुर में तिलहर, कानपुर देहात में गजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और लखनऊ में शहरी पीएचसी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, फ़तेहपुर और प्रयागराज में तीन-तीन, गाजियाबाद, बिजनौर और शाहजहाँपुर में दो-दो और लखनऊ, ग़ाज़ीपुर, श्रावस्ती, सहारनपुर, संभल, हमीरपुर, कानपुर देहात, मिर्ज़ापुर, सहारनपुर, गोंडा, बहराईच, हरदोई, फर्रुखाबाद और कुशीनगर में एक-एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ENQUOUS प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है।
15 जिलों में तैयार होगा कच्चा माल बैंक
इसके साथ ही प्रदेश उद्यमियों के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने सात जिलों में कच्चे माल के बैंक शुरू किए हैं। इसे 15 और जिलों में विस्तार करने की योजना है। इस पहल का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है, जिससे राज्य भर में कई छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को लाभ होगा।
ये बैंक एमएसएमई इकाइयों को वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे और कीमतें स्थिर रखेंगे। वे परिचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों, निर्माताओं और उद्यमियों के साथ सहयोग करेंगे। इस साझेदारी का उद्देश्य एमएसएमई के लिए दक्षता बढ़ाना और लागत कम करना है।
रॉ मटेरियल बैंक ने पहले ही कुछ खास जिलों में काम करना शुरू कर दिया है, जो खास उत्पादों के लिए जाने जाते हैं। उदाहरण के लिए, मिर्जापुर कालीन निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है, उन्नाव जरी जरदोजी पर, सीतापुर कालीन पर, अंबेडकरनगर कपड़ा पर, मैनपुरी पत्थर काटने पर, लखनऊ चिकनकारी पर और भदोही कालीन पर। योजना यह है कि खास उत्पादों और महत्वपूर्ण एमएसएमई केंद्रों के लिए प्रसिद्ध जिलों में और बैंक खोले जाएं।