कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्याकांड मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी है. अभिषेक बनर्जी ने रेप के मामलों के लेकर सख्त कानून लाने की मांग की.
उन्होंने बलात्कारियों और हत्यारों पर त्वरित गति से मुकदमा चलाने का आह्वान किया.
सोशल मीडिया पर लिखी एक पोस्ट में अभिषेक बनर्जी ने देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही रेप की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि हर दिन 90 बलात्कार की रिपोर्ट सामने आती हैं. उन्होंने कहा कि निर्णायक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है इसके लिए मजबूत कानून जरूरी हैं.
अभिषेक बनर्जी का पोस्ट
अभिषेक बनर्जी ने लिखा, ‘पिछले 10 दिनों से, जब पूरा देश #RGKarMedicalcollege की घटना के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और न्याय की मांग कर रहा है, जब लोग इस भयानक अपराध के खिलाफ़ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, ठीक उसी समय भारत के विभिन्न हिस्सों में 900 रेप की घटनाएं हुई हैं. दुख की बात है कि स्थायी समाधान पर अभी भी काफी हद तक चर्चा नहीं हुई है.’
अभिषेक बनर्जी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए आगे लिखा, ‘हर दिन 90 बलात्कार की घटनाएं, हर घंटे 4 और हर 15 मिनट में 1 रेप की घटना सामने आ रही है. निर्णायक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है. हमें ऐसे मजबूत कानूनों की जरूरत है जिसमें 50 दिनों के भीतर ट्रायल और दोषसिद्धि हो जानी चाहिए और उसके बाद सबसे कठोर दंड दें. खोखले वादों से कुछ नहीं होगा.’
सरकार को दी सलाह
उन्होंने राज्य सरकारों को सलाह देते हुए कहा, ‘राज्य सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए और केंद्र पर एक कड़ा रेप विरोधी कानून बनाने के लिए तत्काल दबाव डालना चाहिए. ऐसा कानून बने जो त्वरित और सख्त न्याय सुनिश्चित करता हो. इससे कम कुछ भी होता है तो वह केवल प्रतीकात्मक और दुखद रूप से अप्रभावी होगा. वेक अप इंडिया!’
इससे पहले आजतक ने कोलकाता आज ही एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी जिसमें ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच कोलकाता रेप-हत्याकांड को लेकर उपजे मतभेदों का जिक्र किया गया था. पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं.
सभागार में मिला था डॉक्टर का शव
आपको बता दें कि महिला डॉक्टर का शव नौ अगस्त की सुबह अस्पताल के सभागार मिला था. अस्पताल परिसर में अक्सर आने-जाने वाले एक व्यक्ति को इस मामले में 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. इस घटना के बाद से पूरे देश में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों चिकित्सक विभिन्न संगठनों के बैनर तले हड़ताल पर हैं और चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. वहीं इस घटना को लेकर ममता सरकार विपक्ष के निशाने पर है.
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