MUDA Scam Karnataka: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया MUDA घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं। अब उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी केस चलने की इजाजत दे दी है। वहीं, इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातर सरकार पर हमलावर है और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। दरअसल, विवाद सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर पंजीकृत 3.14 एकड़ जमीन को लेकर है। आरोप है कि पार्वती को जमीन के बदले में एक प्रमुख क्षेत्र में 14 प्लॉट मिले थे। इसी मामले में कर्नाटक के राज्यपाल ने सीएम सिद्धारमैया के भ्रष्टाचार का केस चलाने की मंजूरी दी है। सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी भड़क गई।
सीएम सिद्धारमैया पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि वो इस मामले में विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने इस मामले में आज यानी 19 अगस्त को राज्यव्यापी प्रदर्शन का एलान किया है। वहीं, दूसरी तरफ सीएम सिद्धारमैया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक बताया है। अब सवाल ये है कि MUDA स्कैम क्या है और इस घोटाले की आंच कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया तक कैसे पहुंची? किसने यह भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए यह मुद्दा उठाया? तो आइए सबसे पहले जानते है कि क्या है MUDA घोटला?
क्या है कर्नाटक का MUDA स्कैम केस?
MUDA स्कैम मामला कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर का है। दरअसल, मैसूर शहरी विकास प्राधिकारण को शॉर्ट फॉर्म में MUDA करते हैं, जो कि एक ऑटोनामस बॉडी मानी जाती है। इसके अलावा, जमीन के आवंटन और अधिग्रहण की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण की है। यह मामला भी जमीन घोटाले का है, इसलिए MUDA का नाम इस मामले में शुरू से जुड़ता आ रहा है। खबर के मुताबिक, इस पूरे मामले की शुरूआत साल 2004 से होती है, यह मामला MUDA की ओर से उस समय मुआवजे के तौर पर जमीन के पार्सल के आवंटन से जुड़ा है जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे। इस मामले को एक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाया था। उसने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं और सरकारी खजाने को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है। इस कथित भ्रष्टाचार के मामले में MUDA और राजस्व विभाग के कई अधिकारियों के नाम भी सामने आये हैं।
क्या है CM सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती पर आरोप?
भ्रष्टाचार के इस विवाद की शुरूआत साल 2024 से हुई। यह मामला सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर पंजीकृत 3.16 एकड़ भूमि से जुड़ा है। लेकिन, इसके बदले उन्हें एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित कीं गई। आजतक की खबर के मुताबिक, पार्वती के भाई बीएम मल्लिकार्जुन ने साल 2024 में 3.16 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन किसानों से ली गई थी और कृषि भूमि से अलग किया गया था। लेकिन, जब जमीन का मालिकाना हक लेने के लिए सिद्धरमैया की फैमिली पहुंची तब तक वहां लेआउट विकसित हो चुका था। सिद्धारमैया ने किया था यह दावा? खबर के मुताबिक, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने दावा करते हुए कहा कि जमीन का यह टुकड़ा, जिसके लिए उनकी पत्नी को मुआवजा मिला था, वह उनके भाई मल्लिकार्जुन ने 1998 में गिफ्ट की थी। लेकिन, RTI कार्यकर्ता कृष्णा ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन ने इसे 2004 में अवैध रूप से हासिल किया था। इतना ही नहीं, सरकारी और राजस्व अधिकारियों की मदद से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके इसे रजिस्टर्ड कराया था। 2014 में की थी मुआवजे की मांग खबर के मुताबिक, इस जमीन को साल 1998 में खरीदा हुआ दिखाया था। लेकिन, साल 2014 में जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे, तब उनकी पत्नी पार्वती ने इस जमीन के लिए मुआवजे की मांग की थी। हालांकि, सिद्धारमैया का यह दावा है कि उनकी पत्नी को उस समय मुआवजा दिया गया था, जब बीजेपी सत्ता में थी। कहा कि बीजेपी के ही लोगों ने उन्हें साइट दी है और अव वो इसे अवैध कहते हैं। गड़बड़ी का मामला जानें कब आया सामने? MUDA में गड़बड़ी का यह मामला बीते महीने जुलाई की शुरुआत में सामने आया था। दरअसल, IAS वेंकटचलपति आर के नेतृत्व में 1 जुलाई को जांच के लिए एक सरकारी आदेश जारी हुआ था, जिसमें ऐसा कहा गया था कि MUDA की जमीन आवंटन में गड़बड़ी का शक है। जिसके बाद यह मामला गरमा गया था और प्रतिपक्ष नेता आर. आशोक ने आरोप लगाया था कि सिद्धारमैया की पत्नी भी इसी तरह लाभार्थी बनी हैं। उन्होंने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करते हुए एक वैकल्पिक साइट दी गई। 14 साइटें की गई थी आवंटित दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के मुआवजे के लिए आवेदन किया था। आवदेन के आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ है, उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।
कांग्रेस करेगी राज्यव्यापी प्रदर्शन
वहीं, अब इस मामले में राज्यपाल ने सिद्धारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस चलाने की इजाजत दे दी है। वहीं, अब इसको लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है और राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, ‘विरोध रैलियां राज्य भर के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित की जाएंगी। पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता इसमें भाग लेंगे।’