राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा महिला डॉक्टर की हत्या की जांच में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. सौंपी गई रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि पुलिस ने जांच को भटकाने के लिए कई सूचनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया है.
यह भी सवाल उठाए गए हैं कि शव बरामद होने के तुरंत बाद सेमिनार हॉल को सील क्यों नहीं किया गया.
गौरतलब है कि 8 अगस्त को नाइट शिफ्ट में एक महिला युवा डॉक्टर थी. अगली सुबह उनका शव अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया. 10 अगस्त को राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया था. दो सदस्यीय जांच कमेटी भी गठित की गयी थी.
12 अगस्त को राष्ट्रीय महिला आयोग की दो सदस्य डेलिना खंडुप और सोमा चौधरी कोलकाता आईं. उन्होंने घटना स्थल समेत पूरे अस्पताल की स्थिति की जांच की. इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना की रिपोर्ट दी.
सीबीआई कर रही है मामले की पड़ताल
फिलहाल सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और सीबीआई की ओर से लगातार पूछताछ की जा रही है. इस मामले में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल सहित कई लोगों से पूछताछ की है.
सीबीआई ने आरोपी संजय राय की मां से भी उसके घर पर जाकर मुलाकात की थी. वहीं पीड़िता के माता-पिता से भी मुलाकात की थी. पीड़िता के माता-पिता ने आशंका जतायी थी कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इन बातों का किया गया खुलासा
आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर डॉक्टरों, नर्सों के लिए पर्याप्त विश्राम क्षेत्र का अभाव है.
बगल के सेमिनार हॉल में मरम्मत का काम चल रहा है. आशंका जताई जा रही है कि योजना के मुताबिक सबूत मिटाने के लिए ही रेनोवेशन का काम शुरू किया गया है.
उस अस्पताल में कोई सुरक्षा गार्ड नहीं था. सिर्फ एक दिन नहीं. अस्पताल में रात्रि पाली में ड्यूटी करने वाले प्रशिक्षुओं, डॉक्टरों और नर्सों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं है.
जब युवा डॉक्टर का शव बरामद हुआ तब संदीप घोष प्रिंसिपल थे. इसके बावजूद पुलिस ने उससे पूछताछ क्यों नहीं की?
अस्पतालों में महिला डॉक्टरों या चिकित्सा कर्मचारियों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे का अभाव है. कहीं भी पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था नहीं है.