भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की पेरिस 2024 ओलंपिक में संयुक्त सिल्वर मेडल हासिल करने की उम्मीदें धराशायी हो गईं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इस खबर के साथ ही लाखों देशवासियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
खेल पंचाट न्यायालय ने खारिज की याचिका
दरअसल, ओलंपिक 2024 में संयुक्त रजत पदक के लिए पहलवान विनेश फोगाट की याचिका को खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने खारिज कर दिया है। आदेश का ऑपरेटिव हिस्सा आ चुका है, जबकि विस्तृत आदेश बाद में आएगा। CAS ने बुधवार को अपने शुरुआती आदेश में कहा कि, ‘विनेश फोगट द्वारा 7 अगस्त 2024 को दायर किया गया आवेदन खारिज किया जाता है।’
सीमा से वजन के कारण हुई थीं अयोग्य घोषित
पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती के फाइनल की सुबह विनेश फोगाट को वजन सीमा से अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वजन मापने के दौरान पाया गया कि उनका वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक है। अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, फोगट ने 7 अगस्त को CAS से अनुरोध किया कि वह उन्हें संयुक्त रजत पदक प्रदान करे, जो 1984 में मध्यस्थता के माध्यम से खेल से संबंधित विवादों को निपटाने के लिए स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है।
याचिका खारिज होने पर पीटी उषा ने जताई निराशा
याचिका खारिज होने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने खेल पंचाट न्यायालय (CAS) के एकमात्र मध्यस्थ द्वारा पहलवान विनेश फोगाट की यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के खिलाफ याचिका खारिज करने के फैसले पर हैरानी और निराशा व्यक्त की।
आईओए ने एक बयान में कहा कि, ’14 अगस्त के फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा, जिसमें विनेश के पेरिस ओलंपिक खेलों 2024 में महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में साझा रजत पदक दिए जाने के आवेदन को खारिज कर दिया गया है। ‘100 ग्राम के मामूली अंतर और उसके परिणामस्वरूप होने वाले परिणामों का न केवल विनेश के करियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्या के बारे में भी गंभीर सवाल उठते हैं।’ आईओए ने कहा कि ‘गहन जांच’ की आवश्यकता है और कहा कि वह अधिक कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहा है।