चण्डीगढ़ : चरखी दादरी की मंडी हरियाणा प्रदेश की उन चार चुनिंदा मंडियों में शामिल हो गई है, जिन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है। सरकार की योजना के अनुसार इन सभी मंडियों में राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नेम) प्रणाली को परिपूर्ण किया जायेगा।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने आज चरखी दादरी की अनाज मंडी के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने प्रदेश की चार मंडियों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना है, जिनमें चरखी दादरी, करनाल, सोनीपत और सफीदों की मंडियां भी शामिल हैं। अब सरकार की योजना के अनुसार चरखी दादरी की मंडी में ई-नेम प्रणाली को परिपूर्ण किया जायेगा। वहां पर ई-प्रणाली के लिए फसल खरीद से संबंधित सभी आधुनिक उपकरण जल्द ही उपलब्ध करवाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि दादरी मंडी से जुडऩे वाले सभी किसानों को विभाग की ओर से पहचान पत्र उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
मंडी के व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं पर श्री लिखी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी की सभी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। मंडी में किसी बैंक की शाखा खुलवाने के लिए भी प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों व लोगों से मिलने वाले फीडबैक से ही समस्याओं का समाधान होता है।
इस अवसर पर दादरी के उपायुक्त श्री विजय कुमार सिदप्पा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को दादरी मंडी में फसल का वजन करने से लेकर लैब टेस्ट, बोली व पेमेंट गेट-वे तक की सारी प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा में मार्केट फीस के रूप में सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व दादरी की मंडी से प्राप्त होता है। इस मंडी में कुल 186 वेंडर हैं और सभी पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि दादरी की मंडी के साथ जिला के 23,000 किसान भी जुड़े हुए हैं।