नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सितंबर 2015 न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेन्जी के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर घूस देने और काले धन को सफेद करने के आरोपी जेम्स क्रिश्चियन मिशेल के आरोपों पर यह स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और रेन्जी की सितंबर 2015 में कोई मुलाकात नहीं हुई थी।
उन्होंने मिशेल के बारे में बताया कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और काले धन को सफेद बनाने से रोकने संबंधी कानून के तहत कई मुकदमे दर्ज हैं तथा 24 सितंबर 2015 में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे। सीबीआई के अनुरोध पर 25 नवंबर 2015 को उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था। सीबीआई ने इसी वर्ष चार जनवरी को उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन को उसे गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ काले धन को सफेद करने और विदेशी मुद्रा संबंधी अनियमितताओं के मामले देख रहा है। इसके लिए ब्रिटेन को इस सात 29 फरवरी को उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण का एक अनुरोध भेजा गया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक अखबार में मिशेल के हवाले से छपी रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि केरल के मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो नौसैनिकों को लेकर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र में बातचीत हुई थी।