चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार द्वारा युवाओं को ऑन-जॉब ट्रेनिंग प्रदान करने के दृष्टिगत सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में प्रशिक्षु (अप्रेंटिसिज) अधिनियम के तहत 31 जनवरी, 2018 तक 15,000 ट्रेड प्रशिक्षु लगाए जाएंगे। यह जानकारी बुधवार को चंडीगढ़ में प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत प्रशिक्षुओं को लगाने के संबंध में मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में दी गई। इस कदम से औद्योगिक विकास के लिए अपेक्षित कुशल मानव शक्ति मुहैया करवाने में भी मदद मिलेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि बेरोजगार युवाओं का कौशल विकास इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, जिसके तहत विभागों, बोर्डों और निगमों को इस अधिनियम के अनुरूप के कुल संख्या बल के न्यूनतम 2.5 प्रतिशत और अधिकतम 10 प्रतिशत प्रशिक्षुओं को लगाना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को उनके संबंधित विभागों में इस अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी अधिसूचित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने इस अधिनियम के तहत प्रशिक्षुओं को लगाने के लिए सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव श्री टी.सी.गुप्ता ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए प्रशिक्षुओं को वजीफे का भुगतान करने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान विभाग के लिए 31.64 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से उनके विभागों में अधिक से अधिक ट्रेड प्रशिक्षु लगाने के लिए क्षेत्रों की पहचान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राष्टï्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियुक्ता को निर्धारित वजीफे की 25 प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी जोकि प्रति प्रशिक्षु अधिकतम 1500 रुपये प्रति माह होगी।