दिल्ली में आशा किरण आश्रय गृह में मौतें | राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल का कहना है, ”…मेरे हिसाब से यह आपराधिक लापरवाही का स्पष्ट मामला है…डॉक्टरों ने बच्चियों की रिपोर्ट में बार-बार लिखा है कि वे कुपोषण की शिकार थीं…डॉक्टरों ने कहा है कि बाहर” यहां रहने वाले हजारों लोगों में से 30 फीसदी लोग कुपोषण के शिकार हैं और 20 फीसदी लोग अलग-अलग तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. हर छोटे से कमरे में 46 महिलाओं को रखा जाता है, जहां कोई बेड नहीं है…किसकी लापरवाही के कारण ऐसा हो रहा है? …अंदर इतनी गर्मी है कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल है…वहां 200-300 महिलाएं हैं लेकिन उनके लिए एक भी एसी नहीं लगाया गया है…यहां भीड़भाड़, कुपोषण, गर्मी और अन्य कारणों से लोगों की मौत हो गई है निर्जलीकरण। मंत्री जी अभी तक यहां नहीं आए… क्या वे अपने वातानुकूलित कमरों में बैठे रहेंगे और लोग यहां मरते रहेंगे?… मैं एक रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं और इस मुद्दे को सदन में उठाऊंगा… “