Jharkhand Assembly live update: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के आज अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र महतो ने भाजपा विधायकों का निलंबन खत्म कर दिया। लेकिन निलंबन समाप्त होने के साथ विपक्षी विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
बता दें कि भाजपा के 18 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को शुक्रवार दोपहर दो बजे तक के लिए सदन से निलंबित कर दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा था कि आपका आचरण सदन के अनुरूप नहीं है, इसलिए आपको सदन से निलंबित किया जाता है। उधर, सत्र के आखिरी दिन विपक्षी विधायकों के विरोध का अनोखा नजारा देखने को मिला। विपक्ष के निलंबित विधायकों ने सरकार की बालू नीति का विरोध करते हुए बालू बेचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायकों 1 हज़ार रुपये किलो कोयल नदी का बालू बेचकर विरोध जताया। वहीं, स्वर्णरेखा नदी का बालू 100 रुपये किलो बेचा गया। दरअसल, राज्य सरकार की नॉन टैक्स पेयर वर्ग के लिए मुफ्त बालू की घोषणा के ऐलान के बाद विपक्ष इस तरह से सदन के बाहर बालू बेच कर विरोध जताया।
विपक्ष का कहना है कि राज्य में 15 अक्टूबर तक एनजीटी ने बालू उठाव पर रोक लगा रखी है, ऐसे में सरकार मुफ्त बालू का केवल वादा कर रही है। बालू बेचने को लेकर आज भाजपा के विधायक सदन के बाहर बालू और तराजू लेकर पहुंचे। विधायकों ने राज्य में बालू की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुफ्त बालू को लेकर सरकार द्वारा की गई घोषणा बिल्कुल हवा हवाई है।
इसका लाभ मिलना संभव नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार को आईना दिखाने के लिए सदन के बाहर बालू बेचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा विधायक नीरा यादव ने जहां ₹100 किलो तराजू पर तौलकर बालू बेचना शुरू किया तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता सिर पर बालू की टोकरी लेकर विधानसभा पहुंचे।
उन्होंने बालू का रेट ₹1000 किलो रखा था। उधर, मंत्री उसी रास्ते से गुजरते रहे। इस दौरान मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि पहले केंद्र सरकार को राज्य सरकार का बकाया 1 लाख 36 हजार लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बालू की कोई कमी नहीं है। वहीं, बालू बेचने के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चूंकि रास्ते में बालू लाने के दौरान कई थानों को पैसा देना पड़ता है, इसलिए उनका बालू थोड़ा महंगा है।