असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा दो दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं। इसी बीच उनकी तरफ से गुरुवार को आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने उन्हें पाकुड़ जिले के गोपीनाथपुर गांव जाने से रोका।
भाजपा के एक विधायक के अनुसार, उनका इरादा गोपीनाथपुर जाने का था, जहां मुहर्रम के आसपास दो समूहों के बीच झड़प हुई थी।
असम के मुख्यमंत्री ने लगाए कई आरोप
वहीं पाकुड़ जाते समय दुमका जिले के फूलो झानो चौक पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पत्रकारों से कहा कि झारखंड सरकार ने मुझे गोपीनाथपुर जाने से रोक दिया है। अगर कोई मुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकता, तो आम लोगों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।
आदिवासी छात्रों और पुलिस के बीच हुई थी झड़प
जानकारी के मुताबिक असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पाकुड़ में केकेएम कॉलेज भी जाएंगे, जहां 26 जुलाई की रात को आदिवासी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों समेत 15 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा, वह उन क्षेत्रों का निरीक्षण करने की योजना बना रहे हैं, जहां कथित तौर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जिले में आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर लिया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने उठाया मुद्दा
असम के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने उठाया और कहा कि असम के सीएम को गोपीनाथपुर जाने से रोका गया। अमर कुमार ने इस दिन को लोकतंत्र में एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि न केवल 18 भाजपा विधायकों को सार्वजनिक मुद्दे उठाने के लिए शुक्रवार को दोपहर 2 बजे तक विधानसभा से निलंबित कर दिया गया, बल्कि एक सीएम को लोगों तक पहुंचने से भी रोक दिया गया। वहीं इससे पहले झारंखड भाजपा के नेताओं ने कल देर रात तक विधानसभा में मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।