महाराष्ट्र में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल मोर्चाबंदी और रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों में बीते कुछ दिनों से बैठकों का दौर तेज हो गया है। इस बीच, पिछले साल दो धड़ों में विभाजित हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के फिर से एक होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले क्या अजित पवार घर वापसी कर सकते हैं? दरअसल, डिप्टी सीएम अजित दादा के चाचा शरद पवार ने हाल ही में बड़ा बयान दिया। जिससे इन अटकलों को बल मिल गया। हालांकि महाराष्ट्र के एनसीपी (शरद पवार) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन कयासों को खारिज कर दिया है।
जयंत पाटिल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन करने का कोई सवाल ही नहीं है।
पिछले हफ्ते एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने कहा था कि उनके घर के दरवाजे परिवार के लिए खुले रहेंगे, लेकिन पार्टी में किसी की वापसी के बारे में पार्टी नेता फैसला करेंगे।
एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल ने कहा, शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को हाल के लोकसभा चुनाव में जनता ने जबरदस्त समर्थन दिया है। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के तहत मिली 10 सीटों पर हमने चुनाव लड़ा और उनमें से आठ पर जीत मिली। वहीँ, अजित पवार की एनसीपी केवल रायगढ़ से ही जीत सकी और प्रतिष्ठा की लड़ाई माने जाने वाले बारामती और शिरुर की सीट भी हार गयी।
पाटिल ने कहा, ‘‘एनसीपी दो दलों में बंट गई है। दोनों के अपने-अपने चुनाव निशान हैं। दोनों के बीच गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है।’’
बता दें कि एनसीपी पिछले साल तब विभाजित हो गई जब अजित पवार के नेतृत्व में कुछ एनसीपी विधायक सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए। तब एनसीपी के 39 विधायक भी अजित दादा के साथ आ गए।
लोकसभा चुनाव 2024 में अजित पवार की एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल एक पर जीत मिली, जबकि एनसीपी (शरद पवार) ने दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 8 पर जीत हासिल की।
महायुति गठबंधन को महाराष्ट्र की कुल 48 में से 17 सीटों पर ही जीत नसीब हुई, जिसमें बीजेपी को 9 सीटें और शिवसेना को 7 सीटें मिलीं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2019 में 23 लोकसभा सीटें जीती थीं।
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस 13 सांसदों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जबकि उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) 9 और एनसीपी (शरद पवार) 8 जगहों पर जीती। राज्य में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने 48 में से 30 सीटें जीतीं।