– भोपाल की ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए तमिलनाडु के उद्योगपतियों को किया आमंत्रित
– 1200 से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल, मप्र को मिले 3500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश
भोपाल, 25 जुलाई (हि.स.)।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए तमिलनाडु के कोयम्बटूर में मध्यप्रदेश का उद्योग कार्यालय खोला जाएगा। यह कार्यालय मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बीच व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को कोयम्बटूर में इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र कोयम्बटूर में आयोजित इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यहाँ के उद्योगपतियों ने कोयम्बटूर और त्रिपुर को अपने बलबूते पर इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित किया है, अब मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है, हम आपको व्यापार व्यवसाय बढ़ाने के नए अवसर देने और प्रेम बांटते हुए मध्यप्रदेश एवं तमिलनाडु के संबंधों को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से यहां आए हैं।
दरअसल, कोयम्बटूर टैक्सटाइल एवं गारमेंट, इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे औद्योगिक सेक्टर के लिए जाना जाता है। प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में तमिलनाडु के उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से कोयम्बटूर में रोड शो और निवेशकों व उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया गया। सत्र में 1200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की तथा मध्यप्रदेश में निवेश के लिए 3500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।
निवेश प्रोत्साहन को प्रथामिकता देने के लिए वर्ष 2025 उद्योग वर्ष के रूप मनाया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी टैक्सटाइल एवं गारमेंट इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों के लिए मध्यप्रदेश में निवेश कर अपने व्यापार-व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। मध्यप्रदेश में निवेश के हर पहलू का ध्यान रखा गया है। मध्यप्रदेश फ्यूचर रेडी प्रदेश है, यहाँ संभावनाओं के साथ सरकार का सहयोग एवं जनता का साथ है। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और विकास के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। इस दिशा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिये प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन की नई पहल शुरू की गई है।
प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनें तमिलनाडु के उद्योगपति
उन्होंने कहा कि भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। आपको इसका हिस्सा बनने का निमंत्रण देने आया हूँ। विश्वास है कि मध्यप्रदेश में उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाते हुए विकसित भारत के साथ विकसित मध्यप्रदेश के विजन को साकार करने में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चार विभागों द्वारा दिए गए प्रजेन्टेशन
इंटरेक्टिव सत्र में हुए प्रस्तुतीकरण में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपलब्ध संरचना, शासन की ओर से सुविधाओं व औद्योगिक नीति के संबंध में चर्चा की। सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग डॉ. नवनीत कोठारी ने प्रदेश में एमएसएमई के लिए बन रहे क्लस्टर और विकास संभावनाओं की जानकारी दी। प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम टी. इलैया राजा ने प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में गतिविधियों के विस्तार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रजेन्टेशन दिया गया। सत्र में मध्यप्रदेश में रुचि रखने वाले कोयम्बटूर सहित चेन्नई व तिरूपुर के निवेशक शामिल हुए। कार्यक्रम में तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, द सदर्न इंडियन मिल्स एसोसिएशन, द साउथ इंडिया स्पिनर्स एसोसिएशन, इंडियन कॉटन फेडरेशन, द सदर्न इंडिया इंजीनियरिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल, इंडियन टेक्सप्रेनर्स फेडरेशन सहित 20 से अधिक स्थानीय औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
तीन एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
इंटरेक्टिव सत्र में 25 से अधिक उद्योगपतियों तथा चार प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन बैठक की गई साथ ही राज्य के एक जिला-एक उत्पाद के संबंध में भी जानकारी का प्रसार किया गया। इसके साथ ही इंडियन कॉटन कारपोरेशन के साथ प्रदेश में इएलएस कॉटन के उत्पादन और रकबे को बढ़ावा देने के लिए नॉलेज शेयरिंग और प्रदेश में स्क्लिड मैन पॉवर की उपलब्धता को बढ़ाने तथा टेक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के लिए तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ नॉलेज शेयरिंग संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मध्यप्रदेश में कपास की खेती को बढ़ावा देने और रिसर्च एण्ड डवलपमेंट शेयरिंग के लिए साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के साथ भी एमओयू हुआ।