How India Protects Budget Secrets: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के साथ संसद पहुंच हई हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बजट के अंदर कई रहस्मयी पेपर मौजूद होते हैं, जिन्हें काफी हाई सिक्योरिटी के साथ रखा जाता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि बजट कभी लीक क्यों नहीं होता है? इसे कैसे सुरक्षित रखा जाता है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
15 दिन पहले शुरू होती है तैयारी
वित्त मंत्री के बजट पेश करने से ठीक 15 दिन पहले तैयारियां शुरू हो जाती हैं। वित्त मंत्रालय की सिक्योरिटी बेहद टाइट होती है। सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) और खुफिया विभाग (IB) के अधिकारी वित्त मंत्रालय की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। वित्त मंत्री से लेकर वित्त सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारियों के ऑफिस पर सुरक्षाकर्मियों की पैनी नजर रहती है, जिससे कोई शख्स यहां से अंदर या बाहर नहीं निकल सकता है। IB के अधिकारी सादे कपड़ों में वित्त मंत्रालय के चक्कर लगाते हैं और मंत्रालय में मौजूद सभी कर्मचारियों की हरकतों पर नजर रखते हैं। 15 दिन पहले ही वित्त मंत्रालय में सभी की एंट्री पर प्रतिबंध लग जाता है और सारे अधिकारी 15 दिन के लिए वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं।
किसको मिलती का बजट की कॉपी?
साल 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पहल करते हुए डिजिटल बजट पेश किया था। इससे बजट लीक होने की संभावना कम हो गई। बता दें कि बजट की कॉपी सिर्फ संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को ही दी जाती है। बजट पेश होने के 24 घंटे पहले इसकी कॉपी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्रिमंडल और संसद के पटल पर रखी जाती है। इसके अलावा बजट से जुड़े सभी लोगों की कॉल रिकॉर्ड की जाती है। साथ ही वो किससे और कहां मिलने जाते हैं? इसका पूरा ब्यौरा जांच एजेंसियों के पास रहता है।
कई बार लीक हुआ है बजट?
प्रिंटिंग के दौरान बजट लीक होने का पुराना इतिहास रहा है। कई वित्त मंत्रियों को इसके कारण इस्तीफा तक देना पड़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आजाद भारत का पहला बजट की लीक हो गया था। जी हां, 1947-48 का बजट वित्त मंत्री आरके सनमुखम शेट्टी और यूके चांसलर ह्यूग डाल्टन प्रस्तुत किया था। मगर बजट पेश होने से पहले की एक पत्रकार को टैक्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त हो गई थी। ऐसे में डाल्टन को इस्तीफा देना पड़ा था। 1950 में बजट प्रिंटिंग के दौरान राष्ट्रपति भवन कुछ कागजात लीक हो गए थे। बाद में बजट को राष्ट्रपति भवन की बजाए मिंटो रोड पर स्थित सरकारी प्रेस में प्रिंट किया जाने लगा। 1980 से बजट को नॉर्थ ब्लॉक में स्थित सचिवालय भवन में प्रिंट किया जाने लगा।