Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश किया जाएगा। इस बजट से सैलरीड टैक्सपेयर्स को इससे बड़ी उम्मीदें हैं। इसको लेकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें टैक्स रिलीफ, आर्थिक सुधार और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दे शामिल हैं। आइए, देखते हैं कि इस बजट से क्या-क्या उम्मीदें हो सकती हैं और इसके प्रमुख बिंदु क्या हो सकते हैं।
आयकर में छूट को लेकर सबसे बड़ी उम्मीद
मोदी सरकार 3.0 का यह पहला बजट कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित हो सकता है, जिसमें सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स राहत, आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास शामिल हैं। सैलरीड वर्ग को विशेष रूप से आयकर स्लैब में परिवर्तन, स्टैंडर्ड डिडक्शन और एचआरए में वृद्धि की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री किस प्रकार से इन सभी उम्मीदों को बजट में समाहित करती हैं और किस प्रकार की योजनाओं की घोषणा करती हैं।
मिडिल क्लास को मिलेगी राहत!
23 जुलाई के बजट में बड़ी आबादी को इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में, भारत में 3 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बजट में सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर सकती है।
3 लाख रुपये तक की आमदनी
वर्तमान में 3 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगता है।
आयकर स्लैब…
3 से 5 लाख रुपये की आमदनी पर 5% टैक्स लगता है।
5 से 10 लाख रुपये की आमदनी पर 20% टैक्स लगता है।
10 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर 30% टैक्स लगता है।
संभावित बदलाव
आयकर छूट की सीमा बढ़ाना
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकार आयकर छूट की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर सकती है। इससे बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को लाभ मिलेगा और उनकी टैक्स लायबिलिटी कम होगी। आयकर छूट की सीमा बढ़ने से टैक्सपेयर्स को आर्थिक राहत मिलेगी। उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी, जिससे उपभोग और बचत में वृद्धि हो सकती है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि, हाउस रेंट अलाउंस
वर्तमान में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बढ़ाया जा सकता है। यह सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए अतिरिक्त राहत प्रदान करेगा। HRA में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे महानगरों में रहने वाले टैक्सपेयर्स को लाभ होगा।