Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जैसे-जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे राज्य की राजनीति कई मोड़ ले रही है। हालिया लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन को लेकर जहां सत्तारूढ़ महायुति के अंदरखाने सहयोगी दलों के बीच खींचतान और उप मुख्यमंत्री अजित पवार को लेकर संशय जारी है, वहीं अजित पवार की एनसीपी और शिंदे गुट के शिवसेना के कई विधायकों के पलटी मारने की अटकलें रह-रहकर जोर पकड़ रही हैं।
उधर, विपक्षी महाविकास अघाड़ी में भी सबकुछ पटरी पर नहीं है। एनसीपी संस्थापक शरद यादव ने लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार सहयोगी कांग्रेस से अपनी नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को पुणे में उन्होंने मीडिया से खुलकर बात की और हालिया एमएलसी चुनावों में कांग्रेस के सात विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने पर क्षोभ और निराशा जतायी। इस चुनाव में उनके समर्थित उम्मीदवार जयंत पाटिल की हार हो गई थी। वरिष्ठ नेता पवार ने कहा कि कांग्रेस की गलत रणनीति की वजह से उनके समर्थित उम्मीदवार को कम वोट मिले।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस के कुछ विधायकों के वोट शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर के पक्ष में जाएंगे और कुछ वोट जयंत पाटिल के पक्ष में जाएंगे लेकिन वो महायुति के पक्ष में चले गए। शरद पवार ने ऐसे समय में प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है, जब राज्य में महाविकास अघाड़ी के बीच विधानसभा चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा होना है।
एनसीपी के अंदर इस बात की चर्चा है कि शरद पवार अब राज्य विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे की बातचीत से पहले राज्य कांग्रेस नेतृत्व को रक्षात्मक मुद्रा में लाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, पवार नहीं चाहते कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व उनसे बात करे। सीनियर पवार चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सीधे राहुल गांधी या कांग्रेस के शीर्श नेतृत्व से बात हो। राज्य कांग्रेस के नेताओं से बातचीत में शरद पवार बेहद असहज हैं, क्योंकि वह कांग्रेस के उन नेताओं को अपना जूनियर मानते हैं और अतीत में उनके साथ मतभेद रहे हैं।
दूसरी तरफ, शरद पवार की यह टिप्पणी कांग्रेस को यह संदेश देने के लिए भी है कि उसके अंदरखाने सब चीजें व्यवस्थित नहीं हैं, इसलिए राहुल गांधी इसमें दखल दें और सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दें। बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 150 सीटों पर दावा ठोंका है, जबकि एमवीए के दूसरे घटक दल उद्धव ठाकरे की शिवसेना 125 सीटों पर दावा कर रही है। शरद पवार इस स्थिति में राहुल गांधी को बीच में लाकर समय से पहले सीट बंटवारे की डील पक्का करना चाहते हैं। राज्य में अक्टूबर में विधान सभा चुनाव हो सकते हैं।