कलिम्पोंग के भूतपूर्व सैनिक उर्गेन तमांग से संपर्क न हो पाने से उनका परिवार चिंतित है। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उसे वापस लाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।
परिवार पूर्व सैनिक रूस में नौकरी की तलाश में निकले थे, लेकिन उन्हें जबरन सेना में शामिल कर युद्ध के लिए भेज दिया गया था।
भारत के कलिम्योंग नगरपालिका के प्रशासक मंडल के अध्यक्ष रबी प्रधान ने उर्गेन के संपर्क न होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को यहां तक कि विदेश मंत्री तक को पत्र लिखे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। रबी प्रधान ने कहा, “हमें उर्गेन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिछली बार मैंने उनसे सोमवार को शाम 7 बजे बात की थी और तब से उनका कोई पता नहीं चला है। हम उनके बारे में चिंतित हैं।” उसी शाम उर्गेन ने अपनी पत्नी अंबिका से बात की, जो अपनी दो बेटियों के साथ कलिम्पोंग में रहती हैं। प्रधान ने कहा, “उर्गेन को आखिरी बार सोमवार को शाम 7.17 बजे ऑनलाइन देखा गया था।”
बता दें कि 40 वर्षीय उर्गेन एक भूतपूर्व सैनिक हैं, जो 18 जनवरी को बेहतर नौकरी की तलाश में रूस गए थे। उन्होंने कथित तौर पर रूस से अपने संचार के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को सूचित किया था कि उन्हें रूसी सेना की 144वीं ब्रिगेड की दूसरी बटालियन के साथ ड्यूटी पर लगाया गया था और उन्हें यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर भेजा गया था। प्रधान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की हालिया बैठक के बाद उर्गेन के लिए चीजें सकारात्मक हो जाएंगी और उन्हें भारत वापस भेज दिया जाएगा।
उर्गेन कई बार लगा चुके मदद की गुहार
रबी प्रधान ने कहा, “अभी तक, ऐसा कोई संकेत नहीं है। हमें किसी भी पत्र का उत्तर नहीं मिला है। इसलिए, उनके शुभचिंतकों और उनके परिवार के सदस्यों के रूप में, हमने राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करने और उन्हें वापस लाने के लिए जो भी आवश्यक है, करने के लिए पत्र लिखने का फैसला किया है।” प्रधान ने बताया कि उर्गेन ने विदेश मंत्रालय (एमईए) को कई बार पत्र लिखकर वापस लाने की गुहार लगाई थी। इसके जवाब में रबी प्रधान ने कहा, उन्हें कथित तौर पर एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया था: “हम कुछ सकारात्मक पाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई वास्तविक अपडेट नहीं मिला है।”