चंडीगढ़ : हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि वर्तमान समय में विज्ञान एवं तकनीक के बिना किसी भी राष्ट्र की प्रगति संभव नही है। अगर हमें विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है तो विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र को चुनौती के रूप में स्वीकार कर आगे बढऩा होगा। हरियाणा आज इन दोनों ही क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।
प्रो. सोलंकी हरियाणा के विज्ञान एवं तकनीक विभाग द्वारा आज यहां हरियाणा राजभवन में आयोजित ‘हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड’ तथा ‘हरियाणा युवा विज्ञान रत्न अवार्ड ’ समारोह में वैज्ञानकों को सम्मानित करने के बाद उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि 21वीं शताब्दी विज्ञान एवं तकनीक की शताब्दी है। उन्होंने अवार्ड पाने वाले वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान राज्य में जो कार्यक्रम हो रहे हैं उनसे पूरे प्रदेश में हो रहे विकास का दिग्दर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए मुख्य आधार वहां के संसाधन, संस्कृति, विज्ञान और आध्यात्मिकता होता है और हरियाणा राज्य इन सभी बिंदुओं पर खरा उतरता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीक का उपयोग मानव हित के लिए किया जाना चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि आज जिन वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया है उनसे युवा पीढ़ी प्रेरणा लेगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भी सम्मानित होने वाले वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि खुशी की बात है कि ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाएं आगे बढ़ रही हैं। आज हर क्षेत्र में शोध हो रहा है। आई.टी के क्षेत्र में हो रही प्रगति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आधार कार्ड बनने से अपात्र लोगों को अनुचित लाभ लेने से रोकने में सफलता मिली है। बायोमीट्रिक प्रणाली लागू होने से सरकारी कार्यालयों में 16 प्रतिशत उपस्थिति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक का ही कमाल है कि आज ड्रोन से सर्वे करवाया जा रहा है,भूमि का ऑनलाइन रिकार्ड रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। विज्ञान की बदौलत हमारा देश परमाणु संपन्न हुआ है। पिछले दिनों 104 उपग्रह भारत की धरती से एक साथ छोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा भी विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में नित नई बुलंदियों को छू रहा है। सोनीपत जिला के मुरथल में 44 एकड़ भूमि में 250 करोड़ रूपए की लागत से साईंस सिटी तथा अंबाला कैंट में 5 एकड़ में 20 करोड़ रूपए की लागत से सब-रिजनल साईंस सैंटर बनाया जा रहा है। उन्होंने विज्ञान विषय पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई गई व शुरू की गई छात्रवृत्तियों की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि भविष्य में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को प्रदेश के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जाएगा।
हरियाणा के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज ने युवा वर्ग को दस जमा दो कक्षा के बाद विज्ञान विषयों का चयन करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी देश की ताकत उसकी विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में हो रही उन्नति पर निर्भर करती है। मनुष्य की हर गतिविधि को विज्ञान प्रभावित करता है। आज भारत के वैज्ञानिकों ने अपनी मेहनत के बल पर देश को अंतरीक्ष के क्षेत्र में टॉप 10 देशों की श्रेणी में ला दिया है। दूसरे देशों के उपग्रह भी हमारे स्पेस-सैंटर से अंतरीक्ष में छोड़े जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि भविष्य में ‘हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड’ के तहत दी जाने वाली राशि को दो लाख रूपए से बढ़ाकर चार लाख कर दिया गया है।
इस अवसर पर खेल एवं युवा मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री के.के खंडेलवाल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव श्री अशोक खेमका, निदेशक श्री टी.एल सत्यप्रकाश समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।