Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस वाला हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब 23 जुलाई को बजट पेश करेंगे, उसमें 2047 तक भारत को विकसित करने का विजन, 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी का रोडमैप से लेकर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का खाका भी होगा।
इसके अलावा मिडिल क्लास,आम आदमी और किसान को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में छूट से लेकर, लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आए, इसको लेकर भी अहम ऐलान हो सकते हैं।
अर्थशास्त्रियों के पीएम मोदी की अहम बैठक
बजट से करीब 10 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ हुई बैठक से भी साफ है कि सरकार कई अहम मुद्दों को लेकर गंभीर है। और उसको लेकर सभी पक्षों का रुख समझना चाहती है। खास तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव में BJP को जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा झटका लगा है। और इन इलाकों में बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसे में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर बजट में खास ध्यान दिया जा सकता है। ऐसे में सरकार बजट में पूंजीगत खर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि पर खास ऐलान कर सकती है।
क्या हो सकते हैं अहम ऐलान
राष्ट्रपति के अभिभाषण से यह इशारा मिला था कि यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा। और पीएम मोदी ने 7 जून को अपने संबोधन में कहा था कि मिडिल क्लास देश के विकास का चालक है। उनकी भलाई और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। मोदी ने कहा था कि मिडिल क्लास कैसे कुछ बचत कर सके और उनकी जिंदगी को और कैसे आसान बनाई जा सके, इस दिशा में हम नीति बनाएंगे। इससे संकेत मिलता है कि सरकार बजट में मिडिल क्लास को कुछ राहत दे सकती है। इसके अलावा इन कदमों पर फोकस हो सकता है..
मिडिल क्लास को क्या मिल सकता है
नई कर प्रणाली में आयकर छूट स्लैब की सीमा 5 लाख की जा सकती है।
खपत बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है, उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है।
हाउंसिग लोन लेने पर भी नई रियायत संभव है।
गांव और किसान के लिए क्या
पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाई जा सकती है।
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने के लिए उपायों की घोषणा हो सकती है।
ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना को लेकर ऐलान हो सकता है।
मनरेगा के कार्य दिवस बढ़ाने की संभावना, कृषि से जुड़े कामों को भी शामिल करने को लेकर ऐलान किए जा सकते हैं।
इसके अलावा महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों पर फोकस हो सकता है। पूंजीगत खर्च पर सरकार का ध्यान बना रहेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जा सकता है। MSME पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। ओपीएस को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है. इस पर समिति अपनी रिपोर्ट दे चुकी है।EV यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर भी नए इंसेटिव का ऐलान हो सकता है। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दिया जा सकता है। रोजगार और मेक इन इंडिया के लिए पीएलआई योजना का अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जा सकता है। श्रम सुधारों को लेकर लेबर कोड पर स्पष्टता दी जा सकती है।