Punjab News: मानसून सीजन शुरू होते ही पठानकोट जिला प्रशासन ने बाढ़ को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इन व्यवस्थाओं पर चर्चा के लिए जिला मुख्यालय पर जिला मजिस्ट्रेट आदित्य उप्पल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक बुलाई गई। इस बैठक में एसडीएम पठानकोट समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक में भाग लिया। उन्होंने अब तक की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “पिछले साल चक्की नदी, रावी नदी और ऊज नदी में अत्यधिक पानी भरने के कारण काफी नुकसान हुआ था, जिसके कारण कई गांवों में बाढ़ आ गई थी।”
बाढ़ की तैयारी के उपाय
मंत्री कटारूचक ने बताया कि इस वर्ष बाढ़ से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए गए हैं। आठ गांवों के युवाओं की एक टीम बनाई गई है, जिन्हें आवश्यक वस्तुओं से युक्त लाइफ जैकेट से लैस किया गया है। ये टीमें आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए तैयार हैं। रावी नदी के किनारे बसे जैनपुर, पहाड़ीपुर और बुम्याल जैसे गांवों पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारी बारिश के दौरान इन इलाकों में अक्सर बाढ़ आ जाती है। पंजाब सरकार और जिला प्रशासन ने इन इलाकों के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।निवासियों को सूचित रखने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। ये ग्रुप भारी बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति में लोगों को पहले से सूचित करेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस मानसून सीजन में जान-माल की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “इस बार लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।”