Bihar Bridge collapse News: बिहार में मानसून के आते ही लगातार धड़ाधड़ एक के बाद एक पुल गिर रहे हैं। बिहार में पिछले 17 दिनों में कम से कम 12 पुल ढह गए हैं। जिसकी वजह से नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर विपक्ष की कड़ी आलोचना का सामना कर रही है।
पुल ढहने की घटनाएं सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों से सामने आई हैं। बिहार में पुलों के ढहने की घटनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इन घटनाओं के लिए मानसून की शुरुआत और उसके बाद भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराया है। मांझी ने कहा, “यह मानसून का समय है। असामान्य मात्रा में बारिश हुई है, जो पुलों के ढहने का कारण है।”
जीतन राम मांझी ने कहा, “लेकिन, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जांच के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। उन्होंने कल एक बैठक की और सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
अधिकारियों ने बताया- जो पुल गिरे, वो 30 साल पहले के हैं
नीतीश कुमार ने सड़क निर्माण विभाग (आरसीडी) और ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) को राज्य के सभी पुराने पुलों का तुरंत सर्वेक्षण करने और उन पुलों की पहचान करने का निर्देश दिया, जिनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है।
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पुल ढहने की घटनाओं के लिए हाल ही में गाद निकालने के प्रयासों में शामिल इंजीनियरों और ठेकेदारों की संभावित चूक को चिह्नित किया है। अधिकारी ने कहा, “इनमें से अधिकांश पुल 30 साल पुराने थे और उनकी नींव उथली थी। गाद निकालने के दौरान ये नींवें नष्ट हो गईं। संबंधित इंजीनियरों की पहली नजर में गलती नजर आती है।”
why Bridge collapse: क्यों गिरते हैं पुल?
अगर पुल गिरने के कारणों की चर्चा करें तो इसके पीछे कई वजह हैं। डिजाइन, पुल बनाने में इस्तेमाल हुआ खराब सामान, लापरवाही, पुल का समय पर ऑडिट ना होना आदि शामिल है। इसके अलावा कई बार पुल प्राकृतिक आपदा या भीषण बाढ़ जैसी स्थिति में भी गिरते हैं।
रिपोर्ट की मानें तो 80 फीसदी ल गिरने की घटनाएं प्राकृतिक आपदाओं की वजह से होती है। वहीं 10 प्रतिशत पुल गिरने की घटनाएं, बनाने में इस्तेमाल की गई खराब सामान की वजह से होती है। वहीं 3.28 फीसदी ब्रिज ओवरलोडिंग और 2.19 फीसदी ह्यूमन मेड डिजास्टर्स की वजह से होती है।