उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब शहरों के आर्थिक विकास के लिए नए रूप से कार्ययोजना तैयार करने जा रही है। सरकार के इस प्रयास से ना सिर्फ शहर में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि युवाओं को रोजगार मिलने का रास्ता भी खुलेगा।
योगी सरकार ने फैसला लिया है कि वह शहरों के आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का गठन करेगी। शासन स्तर पर इसकी तैयारी शुरु हो गई है। शुरुआती चरण में बडे़ विकास प्राधिकरणों को मिलाकर एक क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन होगा।
हालांकि इस पहल का असर पहले से चल रहे विकास प्राधिकरण पर नहीं पड़ेगा, वो पूर्व की तरह की सुचारू रूप से चलते रहेंगे। वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नए क्षेत्र विकास प्राधिकरण को बनाने का काम चल रहा है। ऐसे ही आने वाले समय में अयोध्या और देवीपाटन मंडल के विकास प्राधिकरण को मिलाकर इसका गठन होगा।
योगी सरकार प्रदेश में हर 200-400 किलोमीटर के दायरे में एक औद्योगिक हब और नॉलेज पार्क बनाने की भी तैयारी कर रही है। इससे ना सिर्फ आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा। यहां पर औद्योगिक क्षेत्रों में कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए जमीनें दी जाएंगी।
नॉलेज पार्टी की बात करें तो यहां देश-विदेश के संस्थानों को कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने के लिए जमीन दी जाएगी। ऐसे में शहरों के तेज विकास के साथ युवाओं को बेहतर संस्थान में पढ़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही यहां नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर कहीं भी प्रदेश में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा सरकार का यह फैसला बड़े बदलाव ला सकता है।
प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के पास जमीन की काफी कमी है, यही वजह है कि टाउनशिप के विस्तार में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनने के बाद दोनोनं शहरों के बीच में भी टाउनशिप के लिए जमीन मिलने का रास्ता साफ होगा। लोगों को शहरी ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिसमे मेट्रो-नगर बस शामिल हैं। साथ ही मकान बनाने के लिए भी व्यवसायिक सहूलियत मिलेगी। लोग यहां घर लेना पसंद करेंगे। सरकार के इस कदम से अवैध कॉलोनियों पर भी लगाम लगेगी।