Health Facilities: भारत में लगभग 80 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार द्वारा निर्धारित बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य कर्मी, उपकरण और अन्य मानकों के लिए न्यूनतम आवश्यक मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा खुद सरकार द्वारा किए गए एक मूल्यांकन अभियान के जरिए हुआ है। इस अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत आने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों से उनके पास मौजूद डॉक्टरों, नर्सों या बुनियादी चिकित्सा उपकरणों और अन्य सुविधाओं की संख्या जैसे विवरण ओपन डाटा किट के जरिए ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ के पोर्टल पर भरने के लिए कहा गया था। पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम के 200988 स्वास्थ्य केंद्रों में से 43,140 केंद्रों ने ही जानकारी उपलब्ध करवाई है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों में 80 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों (35051) के पास इतनी भी सुविधाएं नहीं हैं कि वे ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ (आइपीएचएस) पर खरें उतरें।
पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार सिर्फ 8089 (20 फीसदी) स्वास्थ्य केंद्रों का स्कोर 80 फीसदी रहा। यानी इन केंद्रों ने आइपीएचएस मानकों के अनुसार केंद्रों पर जरूरी सुविधाएं देने में 80 फीसदी या उससे अधिक अंक हासिल किए, जो कि ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ के मानकों का अनुपालन करने के लिए जरूरी है। आसान भाषा में कहें तो पूरे देश में मात्र 8089 केंद्रों के अस्पतालों में जरूरी मात्रा में बेड, दवाएं, जांच सुविधाएं, वांछित कर्मी, पंखे, शौचालय, पीने का पानी, एसी आदि सुविधाएं थीं।
42 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों में 50 फीसदी से कम जरूरी सुविधाएं
आइपीएचएस पोर्टल के अनुसार, कुल 17190 स्वास्थ्य केंद्रों (17,190) को 50 फीसदी से भी कम अंक हासिल हुए हैं। यानी यह केंद्र मानकों के अनुसार आधी जरूरी सुविधाएं भी नहीं दे पा रहे थे।
100 दिनों में 70000 स्वास्थ्य केंद्रों को मानक बनाने का लक्ष्य
स्वमूल्यांकन की इस प्रक्रिया का लक्ष्य नई सरकार के गठन के पहले 100 दिनों के भीतर 70,000 स्वास्थ्य केंद्रों को आइपीएचएस मानकों के अनुरूप बनाना है। इसके लिए सरकार की ओर से अस्पतालों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। गौरतलब है कि एनएचएम के तहत सबसे ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर आते हैं। एनएचएम के तहत आने वाले अस्पतालों का 60 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाती है जबकि बाकी 40% खर्च राज्य सरकारें उठाती हैं।
इस तरह के हैं सुविधा मानक
जरूरी सुविधाएं
प्रति 1000 की आबादी पर अस्पताल में एक बेड अनिवार्य, 2 बेड वांछित
रोगी के प्रतीक्षा वाले क्षेत्र में अनिवार्य सुविधाएं जैसे पंखा, स्वच्छ पेयजल, महिला और पुरुषों के लिए अलग स्वच्छ शौचालय
वांछनीय सुविधाएं – एयर-कंडीशनर, प्रतीक्षा क्षेत्र में टेलीविजन/एलसीडी जिसमें सुविधा-संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य-संबंधी जानकारी प्रदर्शित हो
भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
भारत में कुल सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र – 200988
जिला अस्पताल – 767
उप जिला अस्पताल – 1275
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – 6064
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – 31053
उप स्वास्थ्य केंद्र – 161829
कुल 43,140 केंद्रों का मूल्यांकन
176 – जिला हॉस्पिटल
236 – उप जिला अस्पताल
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – 1339
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – 5812
उप स्वास्थ्य केंद्र – 35577
मूल्यांकन में शामिल स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति
80 फीसदी से ज्यादा जरूरी सुविधाएं देने स्वास्थ्य केंद्र – 8089
50 से 80 फीसदी जरूरी सुविधा-संपन्न स्वास्थ्य केंद्र – 15172
50 फीसदी से कम जरूरी सुविधाओं वाले स्वास्थ्य केंद्र – 17190