UP News: पेपर लीक का मामला देश में बढ़ते ही जा रहा है. वहीं पेपर लीक कराने वाले आरोपियों को पकड़ने के लिए कई एजेंसियां लगी हुई है. इस बीच सोशल मीडिया में यूपी के सुभासपा पार्टी से विधायक बेदीराम का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है.
जिसमें वो अन्य पेपर लीक कराने से जुड़ी बातों का जिक्र कर रहे है. बेदीराम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम योगी ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को तलब किया था. शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने भी उनसे दिल्ली में बात की.
विधायक बेदीराम ने हिंदी अखबार अमर उजाला को दिए गए बयान में कहा कि मैं दलित विधायक हूं इस कारण विरोधी पार्टियां मुझे फंसाने में लगी है. आप जिस वीडियो की बात कर रहे है. वो पुराना है. यह वीडियो मैंने भी सोशल मीडिया पर देखा है. वो फर्जी और एडिट करके चलाया जा रहा है. मैं ईमानदारी से अपना काम कर रहा हूं.
बेदीराम और ओमप्रकाश का वीडियो हुआ था वायरल
पेपर लीक कांड में बेदीराम के पूर्व सहयोगी विजेंद्र गुप्ता का वीडियो वायरल हुआ था ही कि कुछ ही देर में बेदीराम का भी दूसरे राज्यों में भर्तियों कराने के दावे वाला वीडियो इंटरनेट पर तेजी से फैलने लगा. यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि ओपी राजभर का भी एक वीडियो सामने आ गया. जिसमें वह बोल रहे थे कि बेदीराम किसी भी विभाग में भर्ती करा सकते है. इन तीनों वीडियों के सामने आने के बाद सुभासपा अध्यक्ष को सीएम योगी ने तलब किया था. तो वहीं शुक्रवार को दिल्ली में ओपी राजभर की जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकत के बाद बेदीराम पर जल्द कोई कार्रवाई होने के कयास लग रहे है.
तीन बार पकड़ा था एसटीएफ ने बेदीराम को
आपको बता दें कि बेदीराम को एसटीएफ ने 2006 से 2014 तक तीन बार पकड़ चुकी है. विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश समेत मध्यप्रदेश और राजस्थान की टीम के हत्थे भी चढ़ चुका है. करीब एक दशक पूर्व बेदीराम को प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड माना जाता है. यही नहीं बेदीराम ने 2014 में रेलवे भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने पर बेदीराम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. विधायक की संपत्ति को कुर्क करने के लिए एसएसपी, लखनऊ को पत्र भी लिखा था, हालांकि उस दौरान उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.