वडोदरा के एक फैशन डिजाइनर को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। फैशन डिजाइनर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में 21 जून को योग करने के बाद से आपराधिक मामले का सामना कर रही हैं।
एसजीपीसी ने दर्ज कराई शिकायत
डिजाइनर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अर्चना मकवाना ने एक ताजा वीडियो बयान जारी किया। इसमें मकवाना ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध समिति (एसजीपीसी) को उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने की शिकायत वापस लेनी चाहिए।
करेलीबाग थानें दर्ज हुआ मुकदमा
एक अधिकारी ने बताया कि धमकी के बारे में उनकी शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) के तहत बुधवार रात करेलीबाग पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा, पुलिस ने इस मामले को संवेदनशील श्रेणी में रखा है। इसलिए राज्य के गृह विभाग की वेबसाइट पर प्राथमिकी को जनता नहीं देख सकती है।
‘तस्वीरें वायरल होने के बाद मिली धमकी’
पुलिस उपायुक्त पन्ना मोमाया ने कहा, उन्होंने (अर्चना मकवाना) ने दावा किया कि स्वर्ण मंदिर में उनके शीर्षासन करने की तस्वीरें वायरल होने के बाद अज्ञात लोगों ने ईमेल, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकी। प्राथमिकी में किसी संदिग्ध का नाम शामिल नहीं है।
मंदिर के परिक्रमा पथ पर किया था योग
मकवाना 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वर्ण मंदिर पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने परिक्रमा पथ पर योग किया था। उनके योग करने की तस्वीरें जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। दो दिन बाद एसजीपीसी ने उनके खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने की शिकायत दर्ज कराई और पंजाब पुलिस ने संबंधित धाराओं में मकवाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद मकवाना ने वीडियो जारी कर यह कहते हुए माफी मांगी कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
वडोदरा पुलिस ने अर्चना को सुरक्षा प्रदान की
इसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। फिर 24 जून को वडोदरा पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की। सोशल मीडिया पर जारी ताजा वीडियो में मकवाना ने एसजीपीसी से अपने खिलाफ शिकायत वापस लेने को कहा है।
ताजा वीडियो में अर्चना मकवाना ने क्या कहा
वीडियो में मकवाना ने कहा, जब मैंने यो किया तब हजारों सिख श्रद्धालु वहां मौजूद थे। यहां तक कि मेरी तस्वीरें क्लिक करने वाला व्यक्ति भी सिख था और मंदिर के सेवादारों ने उसे नहीं रोका। वहां मौजूद और मुझे योग करते देख रहे लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची। इसलिए मेरा मानना है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा, समस्या तब शुरू हुई जब भारत के बाहर कुछ लोगों ने उनकी तस्वीरें वायरल करते हुए कहा कि उनके कृत्य से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
मेरे खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निराधार: अर्चना मकवाना
उन्होंने कहा, मेरा इरादा बुरा नहीं था। एसजीपीसी की ओर से मेरे खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निराधार है। मंदिर में कहीं भी यह नहीं लिखा था कि इस तरह के काम की अनुमति नहीं है। मैं पहली बार वहां गई थी। अगर मुझे बताया गया होता तो मैं उन तस्वीरों को तुरंत हटा देती। मैं चाहती हूं कि एसजीपीसी अपनी प्राथमिकी वापस ले। वरना मैं और मेरी कानूनी टीम इस मुकदमे को लड़ने के लिए तैयार हैं।