पंजाब में लोकसभा चुनावों में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद अकाली दल (SAD) में बगावत की आहट दिखाई देने लगी है। शिरोमणि अकाली दल के पांच बड़े नेताओं ने नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंत करते हुए सुखबीर सिंह बादल से पद छोड़ने को कह दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जागीर कौर, परमिंदर सिंह ढींडसा और सरवण सिंह फिल्लौर ने मंगलवार को जालंधर में अकाली दल बचाओ लहर की शुरुआत करके सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत का संकेत दे दिया है।
बादल को पद छोड़ने का मिल गया अल्टीमेटम!
इन नेताओं ने पांच घंटे की बैठक के बाद सुखबीर बादल से मांग की है कि वे शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष का पद छोड़ दें। चंदूमाजरा ने कहा,’पार्टी की कमान मजबूत राजनीतिक और धार्मिक समझ वाले किसी व्यक्तित्व को दिया जाना चाहिए।’ नेताओं ने चंडीगढ़ में बादल की ओर से बुलाई गई हल्का इंचार्ज की बैठक से भी दूरी बना ली।
उपचुनावों से पहले अकाली दल का बढ़ा संकट
दूसरी तरफ, सुखबीर बादल ने जालंधर में पार्टी नेताओं की बैठक को शिरोमणि अकाली दल की पंथिक ताकत को कमजोर करने की एक और कोशिश करार दिया है। पार्टी के लिए यह बहुत ही संकट की घड़ी है, क्योंकि जालंधर पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव 10 जुलाई को होने हैं। इसके बाद चार और सीटों गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला और डेरा बाबा नानक की सीटों पर आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले हैं।
लोकसभा चुनावों में 10 सीटों पर जमानत भी नहीं बचा पाई पार्टी
2024 के लोकसभा चुनावों में अकाली दल पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 1 ही जीत पाया है और 10 पर तो इसके उम्मीदवारों की जमानतें भी जब्त हो गई हैं। सिर्फ बठिंडा में बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने अपनी सीट बचाए रखने में सफलता पाई है।
इस बार राज्य में अकाली दल को सिर्फ 13.42% वोट मिले हैं, जबकि 2019 में बीजेपी के साथ लड़ने पर उसे 27.45% वोट मिले थे। वहीं भाजपा का वोट शेयर 2019 के 9.63% से बढ़कर 18.52% हो गया है।