18वीं लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच जमकर वार पलटवार किए जा रहे हैं। अब हाल ही में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर 1975 में लगाए गए आपातकाल को लेकर निशाना साधा था।
जिसके जवाब में पी चिदंबरम ने भी खूब खरी-खोटी सुनाई थी।
इसके बाद अब वरिष्ठ भाजपा ने और केंद्रीय गृहमंत्री ने भी आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ने “एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने” के लिए कई बार संविधान की भावना को कुचला। 1975 के आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ पर अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए उन्हें पार्टी का “युवराज” बताया। उन्होंने कहा कि वह भूल गए हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। उनके पिता राजीव गांधी ने 23 जुलाई 1985 को संसद में कहा था कि “आपातकाल में कुछ भी गलत नहीं है”।
अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “कांग्रेस ने एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई बार हमारे संविधान की भावना को कुचला। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोगों पर क्रूर अत्याचार किए। राजीव गांधी ने यहां तक कहा था कि ‘अगर इस देश का कोई प्रधानमंत्री इन परिस्थितियों में आपातकाल को जरूरी समझता है और आपातकाल लागू नहीं करता है, तो वह इस देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है।’ तानाशाही पर गर्व करने का यह कृत्य दिखाता है कि कांग्रेस को परिवार और सत्ता के अलावा कुछ भी प्रिय नहीं है।”
इससे पहले अमित शाह ने हिंदी में लिखे गए एक पोस्ट में कहा, “अहंकारी और निरंकुश” कांग्रेस सरकार ने एक परिवार को सत्ता दिलाने के लिए 21 महीने तक लोगों के नागरिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल विपक्षी पार्टी के लोकतंत्र की हत्या और उसे बार-बार नुकसान पहुंचाने के लंबे इतिहास का सबसे बड़ा उदाहरण है। अमित शाह ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई, संविधान में संशोधन किया गया और यहां तक कि न्यायपालिका पर भी अंकुश लगाया गया।
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा आपातकाल लागू करने के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले ने लोकतंत्र के स्तंभों को हिलाकर रख दिया। जक्योंकि इसने बीआर आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को रौंदने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “इस अवधि के दौरान, जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।” जेपी नड्डा ने कहा, “मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी उस परंपरा से जुड़ी है, जिसने आपातकाल का डटकर विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में आपातकाल लगाया गया। जिसे उन्होंने 1977 में हटाकर चुनाव कराने का आह्वान किया, ये भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने एक्स पर कहा कि उस अवधि के दौरान तानाशाही और सत्ता का दुरुपयोग बेशर्मी से प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने पर सोमवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर आए। मंगलवार को शपथ लेते समय कुछ कांग्रेस सदस्य संविधान की प्रतियां लेकर आए। पीएम मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आपातकाल लागू करने का हवाला दिया, उन्होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि ऐसा दोबारा न हो।