आम आदमी पार्टी (आप) ने किफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में हाल ही में की गई वृद्धि के लिए भाजपा की आलोचना की।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर किसान समर्थक होने का दिखावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने तर्क दिया कि अगर भाजपा को वास्तव में किसानों की परवाह है, तो उसे किसानों की मांग के अनुसार MSP गारंटी कानून बनाना चाहिए।
चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आप प्रवक्ता हरसुखिंदर सिंह बब्बी बादल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ सालों में कृषि लागत में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसपी में मात्र 7 प्रतिशत की वृद्धि का दावा कर रही है। बब्बी बादल ने इस वृद्धि को अपर्याप्त और विलंबित बताया। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट बब्बी बादल ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+50 फीसदी के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों की समृद्धि में मदद के लिए फसल विविधीकरण के लिए अलग से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कृषि नीतियां बनाते समय किसान संगठनों से सलाह न लेने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि उद्योग नीतियों के लिए अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों से सलाह क्यों ली जाती है, लेकिन कृषि नीतियों के लिए किसानों से नहीं।
भाजपा का कथित किसान विरोधी रुख
प्रवक्ता ने भाजपा पर किसानों के बजाय पूंजीपतियों को तरजीह देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की नीतियां हमेशा से किसान विरोधी और पूंजीपतियों के पक्ष में रही हैं। उनके अनुसार, भाजपा मेहनतकश किसानों की कीमत पर अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाना चाहती है। बब्बी बादल ने पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ पर भी हमला किया और उनकी और प्रधानमंत्री मोदी की तुलना “गप्पी और खप्पी” की जोड़ी से की। उन्होंने जाखड़ पर पंजाब के किसानों की किसी भी समस्या का समाधान किए बिना केंद्र सरकार द्वारा लिए गए हर फैसले की केवल सराहना करने का आरोप लगाया।