लोकसभा चुनाव के बाद भले ही कांग्रेस बीजेपी को अकेले बहुमत का आंकड़ा छू पाने से रोक देने की खुशियां मनाती दिख रही है, लेकिन भीतर से कांग्रेस आलाकमान उन राज्यों की इकाई से नाराज है, जहां पर उसकी सरकार है.
दरअसल, कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया होता तो केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बन जाती. कर्नाटक में कांग्रेस को 26 में से 8 सीटों पर जीत मिली है. यही हाल तेलंगाना का है. 17 सीटों वाली तेलंगाना में पार्टी 8 पर सिमट गई.
सबसे बुरा हाल हिमाचल में हुआ. वहां पर लोकसभा की 4 सीटें हैं, लेकिन पार्टी एक पर भी जीत नहीं दर्ज कर पाई.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर इन राज्यों में पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किए होते तो एनडीए को भी बहुमत नहीं मिलता. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए पीएम की राह आसान हो सकती है.
कांग्रेस ने आसन्न लोकसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि उसके सहयोगियों को 134 सीटों पर जीत मिली है.
यहां भी कांग्रेस का हाल रहा खराब
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दिग्गी-कमलनाथ जैसे नेताओं वाले एमपी, भूपेश बघेल-टीएस सिंहदेव जैसे नेताओं वाले छत्तीसगढ़, हरीश रावत के उत्तराखंड और ओडिशा में भी पार्टी उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाई.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. दिग्विजय सिंह खुद चुनाव हार गए तो वहीं कमलनाथ के बेटे को भी करारी शिकस्त मिली. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल चुनाव नहीं जीत पाए और न ही किसी सीट पर पार्टी को जीत दिला पाए.
यही हाल उत्तराखंड का रहा. यहां लगातार तीसरी बार पार्टी जीरो सीट पर सिमट गई. ओडिशा में भी पार्टी को शानदार परफॉर्मेंस की उम्मीद थी, लेकिन यहां भी सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली.
फैक्ट फाइंडिंग टीम करेगी हार की समीक्षा
चुनाव में हार के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 8 राज्यों में फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजने का फैसला किया है. यह टीम हार की समीक्षा करेगी और कारणों से हाईकमान को अवगत कराएगी. टीम में राहुल गांधी के करीबी नेताओं को ज्यादा तवज्जों दी गई है.
कांग्रेस के मुताबिक मध्य प्रदेश हार की समीक्षा पृथ्वीराज चौहान, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाणी करेंगे. छत्तीसगढ़ की कमान वीरप्पा मोईली और हरीश चौधरी को सौंपी गई है. इसी तरह ओडिशा की समीक्षा करने के लिए तारीक अनवर और अजय माकन को भेजा गया है.
पीएल पुनिया और रजनी पाटिल के जिम्मे दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल है. कर्नाटक में पार्टी की हार की समीक्षा मधुसूदन मिस्त्री, गौरव गोगोई और हिब्बी एडन करेंगे. तेलंगाना में यह काम पीजे कुरियन, रकीबुल हुस्सैन और परगट सिंह को सौंपी गई है.