सिरसा की सांसद कुमारी सेलजा का बयान।*
किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के साथ हुई नाइंसाफी।
माँ बेटी के साथ इंसाफ नहीं हुआ।
मैं चाहती थी कि दोनों ही कांग्रेस में रहते तो एक साथ काम करते।
किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भाजपा में चले गए है उनको शुभकामनाएं है।
एक नया रास्ता चुना है उनको शुभकामनाएं दी है।
चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ भी इंसाफ नहीं हुआ है।
कांग्रेस में ऐसे ही हल;हालात चलते रहते है।
पार्टी में बहुत ऐसे नेताओं के साथ ऐसा ही व्यवहार हुआ है।
पार्टी में सबको साथ जोड़ने से ही पार्टी चलती है लेकिन यहाँ स्थिति उलटी है।
कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया का बर्ताव भी किरण चौधरी और उनकी बेटी के साथ अच्छा नहीं था।
पार्टी के अंदर चल रही बातों को पार्टी हाई कमान के समक्ष रखी जाएगी।
पार्टी फोरम में सब बातें रखी जाएगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को कुमारी सेलजा की नसीहत।
कांग्रेस पार्टी में ऐसा कोई नेता नहीं है जो मुझे कुछ सिखाएगा।
मैंने बरसों से पार्टी को अपने खून पसीने से सींचा है।
प्रदेश अध्यक्ष को जो बोलना है तो बोलते रहे जो मैंने कहना है मैं बोलूगी।
पार्टी के दायरे में रहकर बोलूगी।
पार्टी में पार्टी के बारे में कोई सिखाने वाला नहीं है।
कांग्रेस पार्टी में एक आध ही सिखाने वाला होगा तकरीबन सिखाने वाला नहीं है।
बरसों से कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने वाले हम है।
हमने कभी भी पार्टी को छोड़ने की बात न कभी की है।
पार्टी को छोड़ने की बात न ही कभी सोची है और न ही कभी सोचेंगे।
पार्टी में हम गर्दन उपर उठाकर चलते है।
चौधरी बंसी लाल की अपनी एक विरासत है।
इशारों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा।