आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने पंजाब के रूरल डेवलेपमेंट फंड (आरडीएफ) को रोके रखने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। आप नेता ने भाजपा पर आरडीएफ के लंबित 7,000 करोड़ रुपये जारी न करके अप्रत्यक्ष रूप से पंजाब में मंडी व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
मंगलवार को रोपड़ से आप विधायक दिनेश चड्ढा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिममें उन्होंने पंजाब के ग्रामीण इलाकों में संपर्क सड़कों की खराब होती हालत पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन सड़कों की मरम्मत और राज्य में मंडियों के विकास के लिए आरडीएफ फंड बहुत जरूरी है।
चड्ढा ने विस्तार से बताया कि भाजपा ने पहले भी तीन विवादास्पद कृषि कानून लाने का प्रयास किया था, जिसका उद्देश्य पंजाब में सरकारी मंडी व्यवस्था को खत्म करना था। इन कानूनों का देशव्यापी विरोध हुआ, पंजाब के किसानों ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसके कारण अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें निरस्त करना पड़ा। हालांकि, उनका दावा है कि भाजपा अभी भी वही इरादे रखती है। चड्ढा के अनुसार, केंद्र सरकार सरकारी मंडी व्यवस्था को कमजोर करने और अपने पूंजीवादी सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए आरडीएफ और एमडीएफ फंड रोक रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड 66,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। आरडीएफ के बिना इन सड़कों और मंडियों का समुचित विकास नहीं हो सकता।
आप विधायक ने भाजपा पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ की भी आलोचना की और किसान का बेटा होने का दावा करने के बावजूद इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया। चड्ढा ने जाखड़ से पंजाब और उसके किसानों के लिए आवाज उठाने का आग्रह किया। उन्होंने भाजपा सरकार में मंत्री रवनीत बिट्टू से भी केंद्र सरकार के समक्ष आरडीएफ का मुद्दा उठाने का आह्वान किया।