NEET Scam: नीट-यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माना है कि परीक्षा परिणाम में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि जो भी बड़े अधिकारी इसमें शामिल हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें दंडित किया जाएगा। कई लोग परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से कहना चाहता हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है। एक भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा। सक्षम अधिकारी जांच कर रहे हैं। हम सभी को जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए आठ जुलाई तक इंतजार करना चाहिए।
धर्मेंद्र प्रधान ने माना, गड़बड़ियां हुईं
प्रधान ने कहा, सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। फिलहाल दो तरह की अव्यवस्था सामने आई है। शुरुआती जानकारी थी कि कुछ अभ्यर्थियों को कम समय मिलने के कारण ग्रेस अंक दिए गए। इसके अलावा दो जगह कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि हम सारे मामले को निर्णायक स्थिति तक ले जाएंगे। एनटीए में सुधार की जरूरत है। शनिवार को प्रधान ने कुछ छात्रों और अभिभावकों से अपने दफ्तर में मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि जो छात्र मिलना चाहते थे, मैंने उन्हें बुलाया। मैंने उनका पक्ष सुना। सभी छात्रों को आश्वासन मिलना चाहिए कि मामले में पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
पहले नकार दी थी पेपर लीक की बात
अपने ताजा स्टैंड से इतर शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले एनटीए का पक्ष लेते हुए पेपर लीक की बात को नकार दिया था। उन्होंने कहा था, पेपर लीक के आरोपों को साबित करने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। परीक्षा 4,500 से ज्यादा केंद्रों पर आयोजित की गई। उनमें से सिर्फ छह परीक्षा केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बंटने की सूचना मिली थी। ऐसे में सिर्फ छह केंद्रों के कारण हम पूरी परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकते।