उद्योग एवं वाणिज्य और श्रम मंत्री मूलचंद शर्मा ने बुधवार को चंडीगढ़ में श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इंडस्ट्रियल सेफ्टी एवं हेल्थ विंग को सुदृढ़ करें और फैक्ट्रियों में जाकर श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ कार्य अनुसार वातावरण की भी जांच करें। जिन फैक्ट्रियों में श्रमिकों को उचित वातावरण नहीं मिल रहा, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को केवल 26.24 करोड़ रुपये का ही लाभ दिया गया। जबकि वर्ष 2014 से 2019 तक 526 करोड़ रुपये और वर्ष 2019 से 2024 तक 1232.19 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। वहीं, वर्ष 2009 से 2014 तक श्रमिक कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को केवल 64.19 करोड़ रुपये का ही लाभ दिया गया। जबकि वर्ष 2014 से 2019 तक 160.22 करोड़ रुपये और वर्ष 2019 से 2024 तक 401 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। इस प्रकार कुल मिलाकर, पिछले 10 सालों में श्रमिकों को 2319 करोड़ रुपये का लाभ दिया जा चुका है। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में हरियाणा में ईएसआई के 4 राज्य अस्पताल- भिवानी, जगाधरी, सेक्टर-8 फरीदाबाद तथा पानीपत में संचालित हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद में ईएसआई निगम अस्पताल (केंद्र सरकार) भी चल रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में ईएसआई की 86 डिस्पेंसरियों के माध्यम से श्रमिकों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इनके अलावा, बहादुरगढ़, झज्जर में 100 बिस्तरों वालें तथा बावल, रेवाड़ी में 150 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पताल निर्माणाधीन है। बैठक में जानकारी दी गई कि 72 एंबुलेंस और 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी जल्द ही ईएसआई की स्वास्थ्य सेवाओं में जोड़ी जाएंगी।