देशभर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 के रिजल्ट में धांधली को लेकर छात्रों में काफी आक्रोश है, हालांकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा है और उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से जवाब भी मांगा है।
वहीं इस मामले में अब राजनेताओं की भी तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में शिवसेना की महिला नेता ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है।
खामियों पर ध्यान किया आकर्षित
इस कड़ी में महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। अपने पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि यह पत्र राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की तरफ से नीट-यूजी 2024 की परीक्षा और 4 जून को रिजल्ट जारी होने के बाद सामने आयी खामियों पर आपका तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए है। राज्यसभा सांसद ने अपने पत्र में आगे लिखा मेरी चिंता परीक्षा, परीक्षा से पहले पेपर लीक होने, छात्रों को मनमाने ढंग से ग्रेस अंक देने के फैसले को लेकर है।
मेडिकल छात्रों का भविष्य खतरे में- प्रियंका
अपने पत्र में शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि ये काफी चिंताजनक है क्योंकि इससे देशभर लाखों मेडिकल छात्रों का भविष्य खतरे में है। आधिकारिक परीक्षा परिणाम और परीक्षा केंद्र पर ढीले प्रबंधन से परीक्षा के दौरान कई टेक्निकल गड़बड़ियों की शिकायत मिली है। परीक्षा परिणामों के बेतरतीब तरीके से आंकलन ने पूरे परीक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सरकार और एजेंसियों पर लगाया आरोप
प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे लिखा ये दुर्भाग्यपूर्ण कि न तो सरकार और ना ही परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियों ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया, जिससे परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। और इस मामले को एनटीए कई मामलों में सफाई दिए बिना किनारा नहीं कर सकता है। छात्र समूहों के भारी दवाब के बाद एनटीए अध्यक्षता में कमेटी का गठन उनके द्वारा ही किया गया है, जिससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठता है कि जिनपर जांच की जिम्मेदारी है, वो उसी कमेटी के सदस्य हैं। सरकार और परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसियों के गंभीर ने होने से देशभर में कई परीक्षाओं में पेपर लीक होना अब आम बात हो गई है। हम अपने उन छात्रों के प्रति कृतज्ञ हैं, जो अपनी पसंदीदा के करियर में प्रवेश पाने के लिए कई सालों तक संघर्ष करते हैं, लेकिन वो इन टूटे और बिना सुधारे प्रणालियों के कारण असफल हो जाते हैं।