मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
इस मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने CBI से पूछा है जिन अधिकारीयों और पार्षदों ने मरे हुए व्यक्तियों की पहचान की और उनको पेंशन बांटी उनके खिलाफ अपराधिक कार्रवाई क्यों नही की जाए?
हाई कोर्ट ने टिप्पणी में CBI से ये भी पूछा कि क्या एक चपड़ासी या छोटे अधिकारी बिना बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे सकते हैं?
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता राकेश बैंस के अधिवक्ता प्रदीप रापड़िया ने कहा है कि अधिकारियों को बचाने के लिए हरियाणा पुलिस ने एक रिटायर्ड चपड़ासी को घोटाले का सूत्रधार बनाकर उसको अरेस्ट किया और उससे लगभग 14 लाख रुपए की रिकवरी करके उसके खिलाफ़ चालान भी पेश कर दिया।
प्रदीप रापड़िया के मुताबिक इस मामले में बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है