नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी अक्सर कांग्रेस पर केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान राज्य सरकारों को गिराने का आरोप लगाती थी और इस लोकसभा चुनाव में अपने इसी आरोप को लेकर भाजपा अपने चुनावी अभियान का मुद्दा बना रही है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार करते समय, जहां से भाजपा हालिया विधानसभा चुनाव हार गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर पर आरोप लगाया कि वो सत्तारूढ़ कांग्रेस में फूट डालने और राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।
हिमाचल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की सहायता करने के बजाय बिजली “चोरी” करने का प्रयास कर रही है। वायनाड सांसद शुक्रवार को नाहन और मंडी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों का जिक्र कर रहे थे, जहां उन्होंने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पकालिक होगी।
राहुल गांधी ने मोदी पर गोवा, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में ”चोरी” सरकारें बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह चोरी, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए हिमाचल प्रदेश सरकार को गिरा देंगे।”
हालाँकि, भाजपा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व पर कमजोर होने और अपने घर को व्यवस्थित नहीं रखने का आरोप लगाती है। इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश की राज्य इकाई अव्यवस्थित है तो कांग्रेस के मुख्यमंत्री भाजपा पर दोष नहीं मढ़ सकते हैं।
नड्डा ने कहा, “लोगों को अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश में 9 विधायकों ने आप के खिलाफ वोट कर दिया और मुख्यमंत्री को इसकी भनक तक नहीं लगी। आप कमजोर स्थिति में हैं, आप अपना घर व्यवस्थित नहीं रख पाए हैं, लेकिन आप दूसरों को दोष दे रहे हैं।”
हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीटों पर 2024 के आम चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को चुनाव होंगे।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करना भाजपा का एक पुराना वादा रहा है, यूसीसी लाने की मांग का वैचारिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दशकों से समर्थन कर रहा है। जबकि गोवा और उत्तराखंड ने यूसीसी लागू कर दिया है, पूरे भारत में इसे लागू करने पर अभी भी काम चल रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है तो पूरे देश के लिए यूसीसी लागू किया जाएगा।
शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण पर भरोसा नहीं किया है, लेकिन कहा कि अगर मुसलमानों के लिए आरक्षण के खिलाफ प्रचार करना, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और यूसीसी का वादा पूरा करना धर्म-आधारित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, “भाजपा ने हमेशा से ऐसा किया है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगी।”
अमित शाह ने कहा, “यूसीसी हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा आजादी के बाद से हम पर, हमारी संसद और हमारे देश की राज्य विधानसभाओं पर छोड़ी गई एक जिम्मेदारी है। संविधान सभा द्वारा हमारे लिए तय किए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों में यूसीसी भी शामिल है और उस समय भी केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, अंबेडकर जी जैसे कानून के विद्वानों ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए बल्कि एक यूसीसी होना चाहिए।”
यूसीसी सभी समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, वित्तीय मुआवजे और गोद लेने आदि के लिए समान नियमों का प्रस्ताव करता है। हालांकि, देश भर में अनुसूचित जनजाति समुदायों की चिंताओं को देखते हुए केंद्र उन्हें अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए कुछ राहत देने पर विचार कर रहा है।
अमित शाह भाजपा सरकार द्वारा लाये जा रहे यूसीसी को एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार बताते हैं।