झारखंड के हजारीबाग जिले में कुसुम्भा गांव के 2,000 से ज़्यादा मतदाताओं ने पुल की मांग पूरी न होने के कारण सोमवार को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।
यह गांव राज्य की राजधानी रांची से लगभग 105 किलोमीटर दूर कटकमसांडी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में स्थित है।
बहिष्कार का असर कुसुम्भा के अपग्रेडेड मिडिल स्कूल के बूथ 183 और 184 पर भी पड़ा। दोपहर तक इन बूथों पर कोई वोट नहीं डाला गया था। मतदान अधिकारी मतदाताओं का इंतजार करते देखे गए। बूथ 184 के पीठासीन अधिकारी सुबोध प्रसाद वर्मा ने बताया, “मैं सुबह 7 बजे से यहां हूं, लेकिन अभी तक कोई भी वोट देने नहीं आया है।” उन्होंने बताया कि उनके बूथ पर 920 पंजीकृत मतदाता हैं और उम्मीद जताई कि शाम 5 बजे तक मतदाता आ जाएंगे।
मतदाताओं को मनाने के प्रयास
हजारीबाग की डिप्टी कमिश्नर नैन्सी सहाय ने कुसुम्भा के दो मतदान केंद्रों पर मतदान बहिष्कार की पुष्टि की। सूचना मिलने पर वे और एसपी अरविंद कुमार गांव में लोगों को मतदान के लिए मनाने के लिए पहुंचे। हालांकि, ग्रामीण अपने फैसले पर अड़े रहे और कहा कि वे तभी मतदान करेंगे जब पुल की उनकी मांग पूरी होगी।
सहाय ने बताया कि ग्रामीण एनटीपीसी अधिकारियों से पुल की मांग कर रहे थे। हालांकि एनटीपीसी एक अंडरपास का निर्माण कर रही है, लेकिन ग्रामीणों को पीने के पानी, आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा सेवाओं और अन्य आवश्यकताओं तक पहुँचने के लिए यह अनुपयुक्त लगता है। सहाय ने बताया कि जिला प्रशासन कई महीनों से एनटीपीसी के साथ इन चिंताओं पर चर्चा कर रहा है।
ग्रामीणों की चिंताएँ
नकुल महतो नामक एक मतदाता ने बानादाग रेलवे साइडिंग के पास बन रहे अंडरपास पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम एक पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं जिसे एनटीपीसी ने पूरा नहीं किया है।” यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे बुनियादी ढांचे के मुद्दों और चुनावी भागीदारी पर अधूरी मांगों के प्रभाव को उजागर करती है।
जिला प्रशासन ग्रामीणों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला समाधान ढूंढने के लिए एनटीपीसी के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।