जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार नामांकन के दिन मंगलवार को गंगा की सफाई से लेकर इस संसदीय क्षेत्र के गांवों के विकास को लेकर सवालों के तीर चलाए।
पार्टी ने कहा कि पीएम को इस बात का जवाब देना चाहिए कि अपना नामांकन दाखिल करने से पहले, निवर्तमान प्रधानमंत्री को वाराणसी में अपनी विफलताओं पर जवाब देना चाहिए कि 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी गंगा और भी अधिक मैली क्यों हो गई है और प्रधानमंत्री ने वाराणसी के अपने गोद लिए गांवों को उनके हाल पर ही क्यों छोड़ दिया? साथ की पार्टी ने वाराणसी में महात्मा गांधी से जुड़ी विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए पीएम से सवाल किए।
मिशन गंगा को नमामि गंगे नाम दिया
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट पर बयान जारी करते हुए कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी वाराणसी आए तब कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। तब उन्होंने पवित्र गंगा को साफ कर पुनर्जीवित करने का वादा किया और सत्ता में आने के तुरंत बाद पहले से चल रहे मिशन गंगा को नमामि गंगे नाम दिया। मिशन गंगा के दो प्रमुख लक्ष्य थे निर्मल गंगा और अविरल गंगा। प्रधानमंत्री ने गंगा के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल करने के उद्देश्य को पूरी तरह से त्याग दिया है।
राष्ट्रीय गंगा नदी परिषद क्या है?
जयराम के अनुसार मनमोहन सिंह सरकार ने गंगा पर राज्य और केंद्र सरकार की पहल के समन्वय के लिए 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की थी। पीएम मोदी ने इस संस्था को पहले राष्ट्रीय गंगा नदी परिषद का नाम दिया और फिर 10 वर्षों के लिए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन सामने आया
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि पिछले दस वर्षों में गंगा की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन सामने आया है। इस दौरान प्रदूषित नदी क्षेत्रों की संख्या 51 से बढ़कर 66 हो गई है। 71 प्रतिशत निगरानी स्टेशनों ने सुरक्षित स्तर से 40 गुना अधिक खतरनाक बैक्टीरिया की सूचना दी है।
जयराम ने पूछे सवाल
अब पानी में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया पाए जाने लगे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि करदाताओं के 20,000 करोड़ रुपए कहां गए? जयराम ने सवाल लहजे में कहा कि वाराणसी की जनता ऐसे व्यक्ति पर कैसे भरोसा कर सकती है जिसने मां गंगा को भी जुमला बना दिया हो?
10 वर्षों में कोई प्रगति नहीं
वाराणसी में पीएम के गोद लिए आठ गांवों में विकास की कोई खास प्रगति नहीं होने का दावा करते हुए जयराम ने दावा किया कि मार्च 2024 की ग्राउंड रिपोर्ट में पाया गया कि ‘स्मार्ट स्कूल’, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं आवास के बड़े-बड़े वादों के बावजूद उन गांवों में 10 वर्षों में कोई प्रगति नहीं हुई है।
गांधी की विचारधारा के खिलाफ
प्रधानमंत्री पर गांधी की विचारधारा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आचार्य विनोभा भावे द्वारा वाराणसी में शुरू किए गए सर्व सेवा संघ को नष्ट कर दिया गया है जिससे डॉ राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री तथा जयप्रकाश नारायण जैसी हस्तियां जुड़ी थी। वाराणसी रेलवे स्टेशन के करीब 13 एकड़ भूमि पर चल रहे इस ट्रस्ट को अगस्त 2023 में जमीन से बेदखल कर दिया गया।