भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से PoK को लेकर बयान दिया है। उन्होंने रविवार को पीओके को भारत का हिस्सा बताया। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की आजादी के शुरुआती सालों में इन क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण यहां (PoK) में हालात खराब हो गए।
उन्होंने कहा कि लोग पीओके को भुला चुके थे। लेकिन, लोग अब इसे फिर से देश का हिस्सा बनाना चाहते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि घर की जिम्मेदारी के लिए कोई सही रखवाला नहीं होता है तो इसका फायदा बाहरी उठाते हैं। यही हुआ और रखवाले ने बाहरी(पाकिस्तान) को घर में घुसने की इजाजत दे दी थी।
आपको बता दें कि इससे पहले भी एस जयशंकर ने पीओके को भारतीय हिस्सा बताया था। गौर करने वाली बात है कि हाल के अलग-अलग अवसरों पर सरकार में कई मंत्री पीओके को लेकर बयान दे चुके हैं। हाल के कुछ समय में एस जयशंकर से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वीके सिंह और निसित प्रमाणिक पीओके को लेकर कई दावे किए हैं।
पीओके हमारा था हमारा रहेगाः राजनाथ सिंह
पिछले महीने राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए पीओके हमारा था, है और हमारा रहेगा। उन्होंने कहा था कि भारत में हो रहे विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे।
इसके बाद बीते रविवार को उन्होंने एक बार फिर से कहा कि भारत को पीओके पर बलपूर्वक कब्जा करने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यहां के लोग कश्मीर में विकास को देखने के बाद स्वयं इसमें शामिल होना चाहेंगे। आपको बता दें कि राजनाथ सिंह पहले भी कई बार पीओके को लेकर बयान दे चुके हैं।
जल्द भारत में शामिल होगा पीओकेः
वीके सिंह पिछले साल सितंबर में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा था कि कुछ समय के बाद पीओके अपने आप भारत का हिस्सा हो जाएगा। इसी महीने एक बार फिर से वीके सिंह अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि पीओके जल्द ही भारत में शामिल हो जाएगा। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसित प्रमाणिक ने बीते साल दिसंबर में कहा था कि पीओके में किसी भी दिन तिरंगा लहरा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को उखाड़ फेंका जा सकता है और तिरंगा झंडा लाल चौक में फहराया जा सकता है तो फिर एक दिन आप सुबह उठकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय झंडे को लहराते हुए देख सकते हैं।
बीजेपी नेताओं के बयान के मायने
अब सवाल उठता है कि बीजेपी नेता 2024 के लोकसभा चुनाव के समय पीओके को लेकर बार-बार बयान क्यों दे रहे हैं? असल में पिछले चुनावों में आर्टिकल 370, राम मंदिर, सीएए, तीन तलाक जैसे कई मुद्दे थे जिन पर बीजेपी वोट लेती थी। लेकिन इनमें से लगभग वादे अब पूरे हो चुके हैं। ऐसे में बीजेपी को अब 2024 का चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इसीलिए अब पीओके को हवा दी जा रही है।
अब सवाल ये है कि पीओके को फिर से भारत में शामिल करने के दावों में कितना दम है?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई की बात अभी तो मुश्किल दिख रही है। भारत की तरह पाकिस्तान भी एक परमाणु मुल्क है। ऐसे में भारत अगर पीओके को लेकर कोई कदम उठाता है तो ये पड़ोसी मुल्क के साथ युद्ध छेड़ने जैसा हो सकता है। जानकारों का कहना है कि अगर भारत कभी भी पीओके को वापस लेने की कोशिश करता है तो उसे इस पर पूरी ताकत से कब्जा करना होगा। ये एक तथ्य है कि अक्साई चीन हो या पीओके, पाकिस्तान और चीन ने इसे सैन्यबल से ही कब्जा किया था। ऐसे में इसे सिर्फ सैन्यबल के जरिए ही वापस हासिल किया जा सकता है। कागजी तौर पर भी पीओके भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान ने इस पर बलपूर्वक कब्जा कर रखा है। ऐसे में पीओके हासिल करने में न तो कोई कानूनी बाध्यता है और न संयुक्त राष्ट्र का कोई दबाव। यूएन कानूनन इस मामले में कुछ कर सकता। पाकिस्तानी सेना को वहां से खदेड़कर ही भारत वापस पीओके पर कब्जा कर सकता है।