One Nation One Election: देश में 2029 से ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ लाने का प्रयास करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने हालिया बयना में इसका खुलासा किया है. उन्होंने साथ ही बताया कि, भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया है. एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, “एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार कोई नया नहीं है. इस देश में दो दशकों तक एक राष्ट्र एक चुनाव का पालन किया गया… समस्या तब हुई जब इंदिरा गांधी ने 1971 में मध्यावधि चुनाव का आह्वान किया. इससे देश में चुनाव कार्यक्रम बेमेल हो गए.’
उन्होंने कहा कि, जनता को यह फैसला करना है कि राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि, “भाजपा सरकार ने एक समिति बनाई और एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. राजनीतिक दलों, न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि, एक राष्ट्र एक चुनाव होना चाहिए. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि एक बार मतदान समाप्त हो जाने के बाद, अगले पांच साल देश के विकास के लिए समर्पित होने चाहिए.”
कांग्रेस रोक रही विकास: अमित शाह
इसके साथ ही उन्होंने उन दावों को खारिज कर दिया कि, भाजपा स्थानीय चुनावों का राष्ट्रीयकरण करना चाहती थी. उन्होंने कहा कि, “ये निराधार तर्क हैं.. क्या आप नागरिकों को कम आंक रहे हैं? मैं कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि उनके लिए कोई जगह नहीं है. वे विकास क्यों रोक रहे हैं?”
उन्होंने कहा कि, “जनता जानती है कि शीर्ष और राज्य स्तर पर किसे वोट देना है. दो मतपेटियां होंगी, अलग-अलग उम्मीदवार होंगे और अलग-अलग चुनाव घोषणापत्र होंगे. भ्रम क्यों होगा?”
उन्होंने कहा कि इस कदम से कई बार चुनाव कराने पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा, साथ ही जनता का समय भी बचेगा.
क्या है ‘एक राष्ट्र एक चुनाव?
गौरतलब है कि, एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने से है. इसका मतलब यह है कि पूरे भारत में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे. फिलहाल राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं.