दिल्ली कांग्रेस पवन खेरा, सुप्रिया श्रीनाते,ओर दुबे ने की संयुक्त प्रेस वार्ता
प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस ने संकल्प पत्र को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
बीजेपी संकल्प पत्र को लेकर पवन खैरा ने कहा
यमराज ने एक मशीन बनाई थी, जिसमें झूठ बोलने पर घंटी बजने लगती थी।
आज सुबह से वह घंटी लगातार बज रही है। हैरानी में यमराज ने चित्रगुप्त से पूछा- ये घंटी क्यों बज रही है?
चित्रगुप्त ने कहा- महाराज, आज मोदी जी का संकल्प पत्र जारी होने वाला है।
हमें BJP के ‘संकल्प पत्र’ के नाम से घोर आपत्ति है, इसका नाम ‘माफ़ीनामा’ होना चाहिए।
मोदी जी को देश के दलितों, किसानों, नौजवानों, आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए थी।
2014 के घोषणापत्र में नरेंद्र मोदी जी ने वादा किया था कि..
– स्पेशल टास्कफोर्स बनाकर काला धन वापस लाएंगे, लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड आ गया।
– नार्थ ईस्ट में कानून व्यवस्था मजबूत करेंगे, लेकिन आज मणिपुर में हिंसा जारी है, जिसपर PM मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।
– स्पेशल पैकेज से 100 जिलों की गरीबी दूर करेंगे, लेकिन हंगर इंडेक्स के आंकड़े पोल खोलते हैं।
– 100 नई स्मार्ट सिटी बनाएंगे, लेकिन चीन सीमा पर स्मार्ट गांव बसा रहा है।
नरेंद्र मोदी के इन वादों से जनता ऊब चुकी है और बेहद आक्रोशित है।
ये BJP का ‘घोषणा पत्र’ नहीं ‘जुमला पत्र’ है।
BJP के मेनिफेस्टो लॉन्च में 1 घंटे 40 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, इसमें पत्रकारों से एक भी सवाल नहीं लिया गया।
BJP ने 30 मार्च, 2024 को मेनिफेस्टो कमेटी बनाई और आज घोषणा पत्र जारी कर दिया।
वहीं कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी का गठन दिसंबर, 2023 में हुआ, इस कमेटी ने देश के हर वर्ग की आवाज सुनी और न्याय पत्र तैयार किया।
कांग्रेस का वादा | BJP का जुमला
सरकारी नौकरी: 30 लाख | कोई जिक्र नहीं
MSP: कानूनी गारंटी | कोई जिक्र नहीं
नारी शक्ति: महिलाओं को हर साल ₹1 लाख | कोई जिक्र नहीं
नारी शक्ति: सरकारी नौकरी में महिलाओं को 50% आरक्षण | कोई जिक्र नहीं
महंगाई: दाम को नियंत्रित करेंगे | कोई जिक्र नहीं
मणिपुर : शांति स्थापित करेंगे | कोई जिक्र नहीं
लद्दाख : जनजातीय क्षेत्र संविधान के छठे शेड्यूल में होंगे शामिल | कोई जिक्र नहीं
हिंदुस्तान में रेल सबसे सस्ता साधन है, जिसे देश का हर वर्ग उपयोग करता है।
कम से कम उसे सुरक्षित रखिए, उसे समय से चलाइए।
ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं, रेल दुर्घटनाओं पर कोई रोक नहीं है, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
असलियत ये है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते 10 साल में रेल का कबाड़ा कर दिया है।