चंडीगढ़ : हरियाणा के कृषि एवं विकास कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ द्वारा वर्तमान प्रदेश सरकार के विगत दो वर्षों के दौरान बादली विधानसभा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर किए गए विकास कार्यों के चलते लोगों के सुझाव पर 4 दिसम्बर, 2016 को राजकीय महाविद्यालय, बादली में होने वाली रैली का नाम ठेठ हरियाणवी में ‘मोटा-जोटा रैली’ रखा गया है अर्थात ‘अभूतपूर्व विकास कार्य’, जो लोगों की स्वयं की पसंद व चर्चा का विषय बना हुआ है।
श्री धनखड़ ने इस सम्बन्ध में आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि बादली क्षेत्र में दो साल में जो काम हुए हैं उनमें बाढसा का कैंसर इंस्टीट्यूट, रू-अर्बन मिशन के तहत 19 गांवों में विकास के लिए 120 करोड़ की राशि मंजूर होना, रैय्या में बागवानी विवि के क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना, सौंधी में इजराइल के साथ फूलों का एक्सीलेंसी सेंटर, ढाकला में अनाज मंडी, हलके में कई किलोमीटर नई सडक़ें, छ पुलों का निर्माण, मछली पालन का उत्कृष्ट केन्द्र, ग्रामीण क्षेत्रो में तालाबों के गंदे पानी को उपचारित करने के लिए त्रय स्तरीय तालाब प्रणाली, ग्राम सचिवालय जैसी अनेक पहल की हैं। इसके अलावा बादली को ब्लॉक, तहसील व उपमंडल का दर्जा एक साथ देकर जो बड़ा काम किया है इसे हलके के लोग सरकार की और से मोटा जोटा मारने की बात कह रहे है। लोगों का कहना है कि जब सरकार हमारे लिए मोटा जोटा मार रही है तब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करने के लिए हमे भी कोई कोर-कसर न छोड़े और मोटा जोटा मारें। वैसे रैली का नाम हरियाणवी देसी अंदाज अपने आप में भी लुभाता है।
‘मोटा-जोटा रैली’ को लेकर जहां मंत्री स्वयं सक्रिय हैं वहीं विभिन्न संगठन भी घर-घर जाकर रैली का न्यौता दे रहे हैं। राजकीय कालेज में 4 दिंसबर को होने वाली मोटा-जोटी रैली की तैयारियां भी व्यापक स्तर पर चल रही हैं। आमतौर पर रैलियों के नाम विकास से जुड़े रहते हैं। इस रैली का नाम मोटा जोटा रैली रखा गया है। ठेठ हरियाणवी नाम रखने के पीछे मंत्री ओ पी धनखड़ कहते हैं कि हलके लोगों ने ही यह नाम सुझाया। लोग इस बात से प्रसन्न हैं कि बादली क्षेत्र में मोटे स्तर पर काम हो रहे हैं।
रैली के लिए बाकायदा बादली हलके के लोगों को घर-घर कार्ड भेजकर न्यौता दिया जा रहा है। स्वयं मंत्री भी हलके के गांवों में दौरा कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी सक्रियता के साथ रैली का न्यौता दे रहे हैं। लोगों में जहां रैली के नाम को लेकर चर्चा है ,वहीं प्रधानमंत्री द्वारा लिए नोट बंदी के फैसले से भी लोग बेहद खुश हैं कि कालाधन बाहर आएगा और यह पैसा गांवों के विकास पर खर्च होगा।