कांग्रेस को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की एक याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में चार साल की पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के संबंध में इनकम टैक्स विभाग के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। वर्ष 2014 से 2017 के लिए टैक्स री-असेसमेंट प्रोसिडिंग के संबंध में कांग्रेस की ओर से याचिका को अदालत में दाखिल किया गया था।
कांग्रेस पार्टी ने कार्रवाई का किया विरोध
इससे पहले 22 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा और पुरुषइंद्र कुमार कौरव की पीठ ने अधिकारियों की ओर से लगातार तीन वर्षों यानी 2014, 2015 और 2016 के लिए शुरू की गई कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था। पार्टी ने पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही पर आपत्ति जताई थी। कांग्रेस पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया था कि कर पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही में समय-सीमा होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अधिकतम छह वर्षों के लिए आकलन की समीक्षा करने तक ही सीमित है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से छिपाए गए 520 करोड़ रुपये
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनकी ओर से किसी भी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है। साथ ही कहा कि एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर पार्टी की ओर से छिपाई गई आय 520 करोड़ रुपये से अधिक है। हाई कोर्ट ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाया टैक्स वसूली के लिए आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। आकलन अधिकारी ने साल 2018-19 के लिए कांग्रेस की आय 199 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी थी। वहीं पार्टी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया टैक्स मांगा था।