चुनाव आयोग ने मोदी सरकार के व्हाट्सएप संदेश पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को व्हाट्सएप पर विकासित भारत संदेशों की डिलीवरी तुरंत रोकने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि मामले पर तत्काल अनुपालन रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मांगी गई है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को कई शिकायतें मिली थीं कि आम चुनाव 2024 की घोषणा और एमसीसी के लागू होने के बावजूद नागरिकों के फोन पर ऐसे संदेश अभी भी भेजे जा रहे हैं।
इसके जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आयोग को बताया कि पत्र MCC लागू होने से पहले भेजे गए थे। उनमें से कुछ लोगों को नेटवर्क के चलते देरी से पहुंच पाया है।
वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को एक बार फिर चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस स्तर पर ऐसा करने से केवल अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ दिन पहले कानून पर रोक लगाने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि चुनाव आयोग अधिकारियों के अधीन है।
‘केंद्र द्वारा बनाया गया कानून गलत नहीं’
न्यायमूर्ति खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस स्तर पर हम कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं और इससे केवल अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी। यह देखते हुए कि नव नियुक्त चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं। अदालत ने कहा कि यह नहीं माना जा सकता कि केंद्र द्वारा बनाया गया कानून गलत है।