Punjab Highways: जैसा की पंजाब अपने खेत-खलिहान के साथ-साथ दूध और लस्सी के जरिए देशभर में विख्यात है। ऐसे ही जल्द पंजाब के हाईवे भी मक्खन जैसे चिकने होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से मंजूर की गई कई सड़कों और हाईवे प्रोजेक्ट वरदान साबित हो रहे हैं।
इससे ना सिर्फ पंजाब में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आसपास रहने वाले लोगों को भी भरपूर फायदा होगा।
पाकिस्तान से लगते सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब के ये ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे रक्षा बलों के लिए रणनीतिक रूप से अहम होंगे। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह हाईवे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे। दिल्ली-जामनगर राजमार्ग से ट्रैफिक भीड़ कम होगी। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
केंद्र सरकार ने पंजाब की विकासात्मक यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए होशियारपुर में 29 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर लगाया है। मोदी सरकार की 4,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली ये परियोजनाएं पंजाब के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए दृढ़ समर्पण को उजागर करती हैं।
फगवाड़ा और होशियारपुर बाईपास सहित 4-लेन सेक्शन के निर्माण से फगवाड़ा और होशियारपुर के बीच 100 किमी प्रति घंटे की हाई स्पीड कनेक्टिविटी डवलप हो जाएगी, जिससे यात्रा का समय 1 घंटे से घटकर मात्र 30 मिनट रह जाएगा।
विकसित पंजाब की नई तस्वीर
बता दें कि केंद्र सरकार पंजाब में कई एक्सप्रेसवे बना रही है। इनमें होशियारपुर-फगवाड़ा रोड को चार लेन का बनाना, जीटी रोड और नेशनल हाईवे-5 को जोड़ने के लिए लुधियाना में लाडोवाल बाईपास को चार लेन का बनाना, लुधियाना शहर में छह लेन का राजमार्ग और दो रेलवे ओवरब्रिज, जालंधर-कपूरथला सेक्शन को चार लेन का बनाना, जैसे कई फोर लेन प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 703 ए को लेन करना, तलवंडी भाई से फिरोजपुर रोड को चार लेन का बनाना, नंगल में चार लेन का ओवरब्रिज और जालंधर-मक्खू रोड की ओवरहालिंग। ये केंद्र द्वारा शुरू की गई कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से कुछ हैं।
पंजाब से दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 1.20 लाख करोड़ की लागत से 5 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारे बनाए जा रहे हैं।
पंजाब में विकसित सड़कों का जाल
मालूम हो कि जब पहली बार साल 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई, तो पंजाब भर में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,699 किमी थी। जो कि वर्ष 2021 के अंत तक बढ़ाकर 4100 किलोमीटर हो चुकी है। यह पंजाब राज्य के बुनियादी ढांचे और समग्र आर्थिक विकास के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पूरे पंजाब में शहरी भीड़भाड़ को कम करने और कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दृष्टि से, महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना (बीएमपी) उल्लेखनीय प्रगति के साथ आगे बढ़ रही है। इस परियोजना का हिस्सा 917 किलोमीटर लंबा अमृतसर-बठिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे है।
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यह न केवल पंजाब के प्रमुख शहरों जैसे अमृतसर, कपूरथला, मोगा और बठिंडा को आपस में जोड़ता है, बल्कि इसकी पहुंच पूरे हरियाणा, सिरसा से होते हुए राजस्थान तक भी है।
बेहतरीन होंगे नए हाईवे
एक्सप्रेसवे के बुनियादी ढांचे के विकास में 5 रेलवे ओवरब्रिज, 20 नदी ओवरब्रिज, 26 इंटरचेंज, 55 अंडरपास और 311 छोटे अंडरपास का निर्माण शामिल है। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर हर 20-30 के अंतराल पर कार चार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। सड़कों का ये विशाल जाल प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त कर रहा है।