Karnataka temples 10 percent tax: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब मंदिरों से टैक्स वसूलने वाला विधेयक प्रदेश की विधान परिषद में गिर गया। आपको बता दें कि बुधवार को ही कर्नाटक विधानसभा में इस विधेयक को पास किया गया था, जिसे लेकर भाजपा नेता लगातार सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोल रहे थे।
शुक्रवार को इस विधेयक को विधान परिषद में पेश किया गया, जहां ये खारिज हो गया। विधानसभा में पास किए गए ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ के तहत उन मंदिरों से 10 फीसदी टैक्स वसूलने का प्रावधान था, जिनका राजस्व 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसके अलावा जिन मंदिरों का राजस्व 10 लाख रुपए से 1 करोड़ के बीच है, उनसे 5 फीसदी टैक्स लेने का प्रावधान था।
विधान परिषद में किसके पास कितने एमएलसी?
गौरतलब है कि कर्नाटक विधान परिषद में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास सदस्यों की संख्या कांग्रेस से ज्यादा है। विधान परिषद में कांग्रेस के पास जहां केवल 30 एमएलसी हैं, वहीं भाजपा के पास 35 एमएलसी हैं। इसके अलावा आठ एमएलसी जेडीएस के पास हैं। एक सदस्य निर्दलीय हैं और एक सीट फिलहाल खाली है।
विधेयक को लेकर भाजपा थी हमलावर
इस विधेयक को लेकर काफी विवाद हुआ था और भाजपा ने कांग्रेस सरकार के ऊपर हिंदू विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंदिरों से टैक्स वसूलकर इस रकम का इस्तेमाल किसी और मकसद के लिए करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला इस बात का सबूत है कि सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा अपने फायदे के लिए धर्म का राजनीतिकरण कर रही है। कर्नाटक के मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस हिंदुत्व की सच्ची अनुयायी है, लेकिन भाजपा इसी कोशिश में रहती है कि किसी भी तरह से सरकार को हिंदू विरोधी बताकर फायदा उठाए।