Farmers protest Shubhkaran Singh Death: केंद्र सरकार से एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर खनौरी में हुए झड़प में 21 साल के एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई है।
मृतक किसान का नाम शुभकरण सिंह है। जो 2 साल पहले दिल्ली में हुए किसान आंदोलन का भी हिस्सा था। शुभकरण सिंह 13 फरवरी को किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था। आइए जानें इस 21 वर्षीय युवा किसान के बारे में?
Who was Shubhkaran Singh: कौन था शुभकरण सिंह? शुभकरण सिंह रामपुरा फूल शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर भटिंडा के बल्लोह गांव के रहने वाले थे। उनके दोस्तों और परिवार वालों ने कहा है कि वो एक मेहनती किसान था।
शुभकरण सिंह और उनके चाचा चरणजीत सिंह 20 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती करते थे। शुभकरण ने भैंसों को भी पालता था और उनका दूध बेचता था। शुभकरण सिंह ने अपनी पढ़ाई स्कूल में ही छोड़ दी थी, वह स्कूल ड्रॉप आउट था। शुभकरण सिंह के माता-पिता का तलाक हो चुका था।
माता-पिता के तलाक के बाद शुभकरण सिंह का पालन-पोषण उनके दादा ने किया। शुभकरण सिंह की दो बहनें थीं। एक की शादी हो गई है और एक कुंवारी है।
शुभकरण सिंह के पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। शुभकरण सिंह अपने परिवार का कमाने वाला था। शुभकरण की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। शुभकरण अपनी छोटी बहन की शादी के लिए पैसे जुटा रहा था।
शुभकरण सिंह के पास मात्र दो एकड़ जमीन थी। स्थानीय लोग उसकी चार भैंसों और पांच बछड़ों की देखभाल कर रहे हैं क्योंकि उसकी बहन सदमे की स्थिति में है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुभकरण सिंह एक अन्य ग्रामीण मित्र ने कहा कि शुभकरण सिंह भारतीय किसान यूनियन सिधुपुर का कार्यकर्ता था और विरोध प्रदर्शनों और सभाओं में शामिल होता था।
शुभकरण सिंह अपने गांव के उन 15 किसानों में शामिल थे जो दिल्ली चलो मार्च में शामिल हुए थे। शुभकरण सिंह ने 2021 के किसान आंदोलन में भी विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद तीन केंद्रीय कानून रद्द हो गए थे।
13 फरवरी को शुभकरण सिंह खनौरी पहुंचा था। वह वहां किसानों के लिए खाना बनाया करता था। जिस दिन उसकी मौत हुई, उस दिन भी उसने किसानों के लिए सुबह का नाश्ता बनाया था।