अतिक्रमण हटाने के नाम पर सरकार अवैध रूप से बने लोगों के घरों और दुकान पर बुलडोजर चालती है। ऐसा देश के कई शहरों में होता रहता है। लेकिन क्या कभी अपने ऐसा सुना है कि सरकार जिस घर को गिराना चाहती हो बाद में उसी को बनाने के लिए जमीन और पैसा दोनों दे। ऐसा ही कुछ भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार फॉरवर्ड खिलाड़ी ज्योति छेत्री के साथ हुआ है।
ज्योति छेत्री को बीते दिनों सरकारी जमीन पर अवैध रूप से घर बनाने को लेकर एक नोटिस दिया गया था। नोटिस में सड़क चौड़ीकरण का हवाला देते हुए उनके घर को ध्वस्त करने की बात कही गई थी। नोटिस में मुताबिक ज्योति के घर को दो साल के अंदर गिराने की बात कही गई थी। जिसके बाद खिलाड़ी ने ओडिशा सरकार से मदद मांगी थी और उनका परिवार अपना आशियाना बचाने का संघर्ष करता हुआ नज़र आया।
लेकिन एफआईएच प्रो लीग में ज्योति ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने खेल से सभी को प्रभावित किया है। 18 फरवरी को अमेरिका के खिलाफ खेले गए मुक़ाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए सब का दिल जीत लिया। जिसके बाद ओडिशा की पटनायक सरकार ने उन्हें घर बनाने के लिए जमीन और पैसा देने का वादा किया है। सरकार ने ज्योति और राज्य के अन्य खिलाड़ियों के लिए 12.5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक राउरकेला स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने 20 फरवरी को ज्योति के घरवालों से मुलाकात की और उन्हें अपना घर बनाने के लिए जमीन देने का वादा किया।
द इंडियन एक्सप्रेस ने ज्योति छेत्री के हवाले से लिखा, ‘तहसीलदार कार्यालय से उनके घर कुछ लोग आए, उन्होंने मेरा और मेरे पिता का आधार कार्ड लिया और हमसे कहा कि सरकार हमारा समर्थन करेगी। उन्होंने हमसे पूछा कि अगर वे हमें एक प्लॉट मुहैया करा दें तो क्या हम घर बना पाएंगे। मेरे पिता एक राजमिस्त्री हैं और वह इस काम को अच्छे से जानते हैं, तो हम इस पर सहमत हो गए। उम्मीद है कि मैं अपने हॉकी करियर के साथ अपने घर के निर्माण में भी योगदान दे सकूंगी।’
इससे पहले ज्योति छेत्री के पिता को राउरकेला जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस मिला था। नोटिस में मुताबिक ज्योति के घर को दो साल के अंदर गिराने की बात कही गई थी। दरअसल 300 वर्गफुट की जिस जमीन पर ज्योति के परिवार का बसेरा है, वो एक सरकारी जमीन है। ज्योति का परिवार 20 सालों से वहां रह रहा है। मगर अब उस जमीन पर फ्लाईओवर बनने की वजह से सरकार वहां से तमाम अतिक्रमण हटाने की तैयारी में है। ज्योति के परिवार को मिला नोटिस उसी अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा था।