आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने फली एस नरीमन के निधन पर दुख जाहिर किया है। नरीमन के निधन पर दुख जाहिर करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि वह एक प्रख्यात न्यायविद, लेखक और सांसद थे। उन्हें संवैधानिक कानून के ज्ञाता के रुप में जाना जाता है। उनके कुछ ऐतिहासिक फैसलों में उनका योगदान हमारे देश के न्यायशास्त्र के इतिहास में हमेशा अंकित रहेगा। जो भविष्य की पीढ़ियों को न्याय की खोज के लिए प्रेरित प्रेरित करेगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।
बता दें कि फली एस नरीमन का 21 फरवरी को सुबह निधन हो गया। उनकी उम्र 95 वर्ष थी। उन्होंने अपना करियर एक वकील के तौर पर शुरू किया और 75 वर्षों से अधिक का इनका कार्यकाल रहा। पिछली आधी शताब्दी में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील के तौर पर अपनी सेवाएं दी। इस दौरान उन्होंने कानूनी पेशे में कभी ना मिटने वाली अमिट छाप छोड़ी।
नरीमन का जन्म 10 जनवरी 1929 में रंगून में हुआ था। उस वक्त रंगून ब्रिटिश इंडिया का हिस्सा था। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपने वकालत शुरू की। इसके बाद से उनका स्तर लगातार बढ़ता रहा। वह 1961 में सीनियर एडवोट बने। 1991 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। इसके बाद 2007 में उन्हें पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। वह राज्यसभा के भी सदस्य रहे।