पटना(विकास कुमार): जब से नीतीश कुमार ने बिहार की कमान संभाली है तब से ही बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार है। बिहार में राजनीति में चर्चा का मुख्य विषय अब सरकारी नौकरियां हो गई है।
बिहार में लगातार वैकेंसी आ रही है। सवा दो लाख शिक्षकों की बहाली हो चुकी है। अभी 87 हजार नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी है।
तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनकी वजह से बिहार में सरकारी नौकरी दी गई है लेकिन सवाल ये उठता है कि तेजस्वी के सत्ता से बाहर होने के बाद भी नौकरियों का सिलसिला जारी है।
यानी सरकारी नौकरी देने का क्रेडिट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है न कि तेजस्वी यादव को। क्योंकि वैसे भी सरकार की तमाम योजनाओं का पूरा क्रेडिट मुख्यमंत्री को ही जाता है। बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इजाजत के तेजस्वी यादव चाहकर भी सरकारी नौकरी नहीं दे सकते थे। इसलिए सरकारी नौकरियों देने का क्रेडिट मुख्यत: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है।वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी कहा है कि नीतीश सरकार 10 लाख लोगों को नौकरी देने का अपना वादा इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त 2023 को 20 लाख रोजगार देने की घोषणा की थी। संयोगवश उस वक्त वे महागठबंधन सरकार के मुखिया थे। अब वे भाजपा के साथ एनडीए के सीएम हैं। नीतीश सरकार ने बिहार में नौकरियों का पिटारा खोल दिया।
बिहार में शिक्षकों के एक लाख पदों पर नियुक्ति होनी है। पुलिस में भी एक लाख बहाली की जाएगी। इसके साथ दूसरे विभागों में भी रिक्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। नीतीश सरकार की तरफ से विभिन्न विभागों में 30,547 पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
इसको लेकर नोटिफिकेशन जल्द जारी की जाएगी। भर्तियों के संबंध में जानकारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने खुद ही दी है। तेजस्वी यादव का झूठा दावा बिहार में सरकारी नौकरियों देने को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने झूठा दावा किया है। तेजस्वी का दावा था कि सरकारी नौकरियों उनके कहने पर दी गई है।
जबकि सच्चाई ये है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय पार्ट-2 में रोजगार का जो वादा किया था इसलिए लोगों को नौकरी दी गई है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक लाख से अधिक नवनियुक्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र बांटे। वहीं नीतीश बाबू के इस काम का क्रेडिट लेने के लिए आरजेडी नेताओं में होड़ सी लग गई थी। अब्दुल बारी सिद्दीकी और शक्ति सिंह यादव समेत कई नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस कर दावा किया कि तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन हकीकत ये है कि सरकारी नौकरी देने का प्लान नीतीश बाबू ने ही तैयार किया था।
आरजेडी ने 17 साल बनाम 17 महीना का झूठा नेरेटिव गढ़ा सत्ता से बाहर आने के बाद आरजेडी ने लगातार 17 साल बनाम 17 महीने के पोस्टर लगवाए। आरजेडी ने ये संकेत देने की कोशिश की थी कि जो काम एनडीए की नीतीश सरकार ने 17 साल में नहीं किया, वह महागठबंधन सरकार ने 17 महीने में ही कर दिखाया। लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है। अगर आरजेडी को नौकरी देने का यही प्लान था तो लालू-राबड़ी राज में कितनी नौकरियां बांटी गई?
लालू-राबड़ी राज में सालों तक बीपीएससी से बहाली नहीं आती थी लेकिन अपना पुराना इतिहास भुला कर आरजेडी ने फॉल्स नेरेटिव गढ़ना शुरू कर दिया।
एनडीए सरकार में मिलेगा 10 लाख रोजगार बिहार में अब नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री की हैसियत से सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 लाख से अधिक नियुक्तियों का लक्ष्य पूरा कर लेने की बात कही है। उन्होंने बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले सात माह में दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।
अभी एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसकी प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। बिहार पुलिस में सिपाही के 21 हजार 391 पदों पर नियुक्ति होनी है। आने वाले साल में बिहार पुलिस बल में जवानों की संख्या दोगुनी की जाएगी।
बिहार पुलिस में एक लाख से अधिक नियुक्ति होनी है। सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’। इस योजना के तहत 71 खिलाड़ियों को अब तक नौकरी दी गई है। औद्योगिकीकरण की ओर भी बिहार अग्रसर है।
इससे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वर्ष 2024-25 में एक लाख तीन हजार नए जीविका समूहों का गठन किया जाएगा। सम्राट चौधरी ने भी यही कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ही सरकारी नौकरी दी जा रही है। नीतीश सरकार में जल्द होगी 30,547 पदों पर बहाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है।
नीतीश कुमार की सरकार ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही बड़ा ऐलान किया है। शनिवार को बिहार के विभिन्न विभागों में 30547 नए पदों को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी खुद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दी। साफ है कि तेजस्वी यादव और आरजेडी के सत्ता से बाहर होने के बाद भी नीतीश सरकार अपने वादे को पूरा कर रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार सरकारी नौकरी मुहैया कराने का सिलसिला जारी है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार 30547 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने नई भर्ती की जानकारी भी साझा की। इन नए पदों में सबसे अधिक 25,386 पद शिक्षा विभाग में है।
इसके अलावा, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, पशुपालन विभाग, सामान्य प्रशासन, श्रम विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग, वित्त विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, खाद्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, पुलिस विभाग, पंचायती राज विभाग और शिक्षा विभाग में भी नौकरियां निकली हैं। वित्त विभाग और पथ निर्माण विभाग में केवल एक-एक पद भरे जाएंगे। नीतीश सरकार मतलब रोजगार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है।इसलिए एक कहावत लोगों के बीच चल पड़ी है कि नीतीश कुमार मतलब ही सरकारी रोजगार है।इसलिए आने वाले वक्त में भी नीतीश सरकार रोजगार मुहैया कराते रहेगी। साथ ही बिहार लघु उद्यम योजना के जरिए भी 94 लाख परिवारों को कारोबार करने के लिए दो लाख रुपए की मदद मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोजगार के साथ स्वरोजगार भी देने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे बिहार के युवाओं को फायदा होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।